धर्म

बड़ी देर भई – Badi Der Bhai Lyrics

पढ़ें “बड़ी देर भई” लिरिक्स

बड़ी देर भई बड़ी देर भई
कब लोगे ख़बर मोरे राम
कब लोगे ख़बर मोरे राम
बड़ी देर भई बड़ी देर भई

कहते हैं तुम हो दया के सागर
कहते हैं तुम हो दया के सागर
फिर क्यूँ ख़ाली मेरी गागर
झूमें झुके कभी ना बरसे
कैसे हो तुम घनश्याम
कैसे हो तुम घनश्याम
हे राम हे राम
बड़ी देर भई बड़ी देर भई

कब लोगे ख़बर मोरे राम
कब लोगे ख़बर मोरे राम
बड़ी देर भई बड़ी देर भई

सुनके जो बहरे बन जाओगे
सुनके जो बहरे बन जाओगे
आप ही छलिया कह लाओगे
मेरी बात बने ना बने
हो जाओगे तुम बदनाम
हो जाओगे तुम बदनाम

हे राम हे राम
बड़ी देर भई बड़ी देर भई
कब लोगे ख़बर मोरे राम
कब लोगे ख़बर मोरे राम

चलते-चलते मेरे पग हारे
आई जीवन की शाम

कब लोगे ख़बर मोरे राम
बड़ी देर भई बड़ी देर भई

विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि हम इस भजन को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी इस मेरे राम भजन को पढ़ सकें व आनंद ले सकें। पढ़ें यह बड़ी देर भई (Badi Der Bhai) भजन रोमन में-

Read Badi Der Bhai Lyrics

baḍa़ī dera bhaī baḍa़ī dera bhaī
kaba loge kha़bara more rāma
kaba loge kha़bara more rāma
baḍa़ī dera bhaī baḍa़ī dera bhaī

kahate haiṃ tuma ho dayā ke sāgara
kahate haiṃ tuma ho dayā ke sāgara
phira kyū~ kha़ālī merī gāgara
jhūmeṃ jhuke kabhī nā barase
kaise ho tuma ghanaśyāma
kaise ho tuma ghanaśyāma
he rāma he rāma
baḍa़ī dera bhaī baḍa़ī dera bhaī

kaba loge kha़bara more rāma
kaba loge kha़bara more rāma
baḍa़ī dera bhaī baḍa़ī dera bhaī

sunake jo bahare bana jāoge
sunake jo bahare bana jāoge
āpa hī chaliyā kaha lāoge
merī bāta bane nā bane
ho jāoge tuma badanāma
ho jāoge tuma badanāma

he rāma he rāma
baḍa़ī dera bhaī baḍa़ī dera bhaī
kaba loge kha़bara more rāma
kaba loge kha़bara more rāma

calate-calate mere paga hāre
āī jīvana kī śāma

kaba loge kha़bara more rāma
baḍa़ī dera bhaī baḍa़ī dera bhaī

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सुरभि भदौरिया

सात वर्ष की छोटी आयु से ही साहित्य में रुचि रखने वालीं सुरभि भदौरिया एक डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी चलाती हैं। अपने स्वर्गवासी दादा से प्राप्त साहित्यिक संस्कारों को पल्लवित करते हुए उन्होंने हिंदीपथ.कॉम की नींव डाली है, जिसका उद्देश्य हिन्दी की उत्तम सामग्री को जन-जन तक पहुँचाना है। सुरभि की दिलचस्पी का व्यापक दायरा काव्य, कहानी, नाटक, इतिहास, धर्म और उपन्यास आदि को समाहित किए हुए है। वे हिंदीपथ को निरन्तर नई ऊँचाइंयों पर पहुँचाने में सतत लगी हुई हैं।

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