भक्तियोग: स्वामी विवेकानंद – Bhakti Yog In Hindi by Swami Vivekananda
भक्तियोग स्वामी विवेकानंद की अद्भुत कृति है। इसमें स्वामी जी ने भक्ति मार्ग का विवेचन किया है और बताया है कि किस तरह भक्तियोग के माध्यम सर्वोच्च सत्य को प्राप्त किया जा सकता है। भक्ति योग न ज्ञानयोग की तरह बौद्धिक है और न कर्मयोग की तरह प्रखर, न ही यह राजयोग की तरह आंतरिक अनुसंधान का मार्ग है। यह मार्ग है हृदय का, प्रेम का और भावना का। पढ़ें स्वामी विवेकानंद कृत भक्तियोग का हिंदी अनुवाद–
- भक्तियोग
- पराभक्ति
स्वामी विवेकानन्द ने इस पुस्तक में भक्ति द्वारा ईश्वर-प्राप्ति की बड़ी ही सुन्दर व्याख्या की है। यह मार्ग उन लोगों के लिए हैं जिन्हें शुष्क तर्क नहीं पसंद और जो भावनाओं को महत्व देते हैं। यह मार्ग प्रेमियों का मार्ग है। यह ऐसा पथ है जो हृदय के माध्यम से हमें उसी अवस्था के दर्शन कराता है जिसके दर्शन एक दार्शनिक बुद्धि द्वारा, योगी आत्म-अनुसंधान द्वारा और कर्मी तीव्र कर्म द्वारा करता है। स्वामी विवेकानन्द ने इसमें भक्ति-विषयक विभिन्न धर्मग्रन्थों और स्वयं के अद्भुत अनुभवों का निचोड़ प्रस्तुत किया है।
मूल पुस्तक अंग्रेज़ी भाषा में लिखित है जिसे यहाँ पढ़ा जा सकता है – Bhakti Yoga by Swami Vivekananda। प्रस्तुत अनुवाद साहित्यशास्त्री डॉ० विद्याभास्कर शुक्ल द्वारा हिंदी भाषा में किया गया है। शुक्ल जी हिन्दी के प्रसिद्ध लेखक और नामचीन व्यक्तित्व हैं। उन्होंने यथासंभव मूल भाषण के भावों को संजोए रखने का यत्न किया है। भाषा की शैली और ओज की सुंदरता भी मूल ग्रंथ के ही समान रखने की चेष्टा की गई है।