धर्म

राम मंदिर गीतम् – Ram Mandir Geetam Lyrics

पढ़ें “राम मंदिर गीतम्” लिरिक्स

ऋषिवसिष्ठकौशिकादिपूतमन्दिरं
महितभरतलक्ष्मणार्यशोभिमन्दिरम् ।
हनुमदादिजानकीसमेतमन्दिरं
जयतु जयतु हृदयपुटे राममन्दिरम् ॥१॥

वाल्मीकेर्हृदयमृगविहारमन्दिरं
रामायणकाव्यध्वनिनाट्यमन्दिरम् ।
सरयूतटमण्डितं प्रबोधमन्दिरं
जयतु जयतु हृदयपुटे राममन्दिरम् ॥२॥

त्यागबलिसमर्पणैरवाप्तमन्दिरं
सामरस्यपोषकं विशिष्टमन्दिरम् ।
विश्वगुरुपदप्रदं हि विश्वमन्दिरं
जयतु जयतु हृदयपुटे राममन्दिरम् ॥३॥

विश्वबन्धुभावसिन्धुवाहिमन्दिरं
कोटिभावजाह्रवीहिमाद्रिमन्दिरम् ।
धर्ममार्गदर्शकमिदमार्षमन्दिरं
जयतु जयतु हृदयपुटे राममन्दिरम् ॥४॥

आत्मनिर्भरत्वदायिशक्तिमन्दिरं
समस्तलोकशान्तिकारिभक्तिमन्दिरम्।
कार्यकर्तृसाधितं विमुक्तिमन्दिरं
जयतु जयतु हृदयपुटे राममन्दिरम् ॥५॥

कोटिकण्ठगीतमिदं राष्ट्रमन्दिरं
जयतु जयतु हृदयपुटे राममन्दिरम् ॥
कोटिकण्ठगीतमिदं राष्ट्रमन्दिरं
जयतु जयतु हृदयपुटे राममन्दिरम् ॥

विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि हम राम मंदिर गीतम् भजन को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी इस भजन को पढ़ सकें व आनंद ले सकें। पढ़ें यह राम भजन रोमन में-

Read Ram Mandir Geetam Lyrics

ṛṣivasiṣṭhakauśikādipūtamandiraṃ
mahitabharatalakṣmaṇāryaśobhimandiram ।
hanumadādijānakīsametamandiraṃ
jayatu jayatu hṛdayapuṭe rāmamandiram ॥1॥

vālmīkerhṛdayamṛgavihāramandiraṃ
rāmāyaṇakāvyadhvanināṭyamandiram ।
sarayūtaṭamaṇḍitaṃ prabodhamandiraṃ
jayatu jayatu hṛdayapuṭe rāmamandiram ॥2॥

tyāgabalisamarpaṇairavāptamandiraṃ
sāmarasyapoṣakaṃ viśiṣṭamandiram ।
viśvagurupadapradaṃ hi viśvamandiraṃ
jayatu jayatu hṛdayapuṭe rāmamandiram ॥3॥

viśvabandhubhāvasindhuvāhimandiraṃ
koṭibhāvajāhravīhimādrimandiram ।
dharmamārgadarśakamidamārṣamandiraṃ
jayatu jayatu hṛdayapuṭe rāmamandiram ॥4॥

ātmanirbharatvadāyiśaktimandiraṃ
samastalokaśāntikāribhaktimandiram।
kāryakartṛsādhitaṃ vimuktimandiraṃ
jayatu jayatu hṛdayapuṭe rāmamandiram ॥5॥

koṭikaṇṭhagītamidaṃ rāṣṭramandiraṃ
jayatu jayatu hṛdayapuṭe rāmamandiram ॥
koṭikaṇṭhagītamidaṃ rāṣṭramandiraṃ
jayatu jayatu hṛdayapuṭe rāmamandiram ॥

यह भी पढ़े

हे दुख भंजन मारुती नंदनहमारे साथ श्री रघुनाथमंगल भवन अमंगल हारीराम रक्षा स्तोत्र अर्थ सहित हिंदी मेंराम स्तुतिहमारे साथ श्री रघुनाथआत्मा रामादुनिया चले ना श्री रामराम न मिलेंगे हनुमान के बिनारघुकुल रीत सदा चली आईराम सिया राममेरे घर राम आए हैंराम जपते रहो काम करते रहो

सुरभि भदौरिया

सात वर्ष की छोटी आयु से ही साहित्य में रुचि रखने वालीं सुरभि भदौरिया एक डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी चलाती हैं। अपने स्वर्गवासी दादा से प्राप्त साहित्यिक संस्कारों को पल्लवित करते हुए उन्होंने हिंदीपथ.कॉम की नींव डाली है, जिसका उद्देश्य हिन्दी की उत्तम सामग्री को जन-जन तक पहुँचाना है। सुरभि की दिलचस्पी का व्यापक दायरा काव्य, कहानी, नाटक, इतिहास, धर्म और उपन्यास आदि को समाहित किए हुए है। वे हिंदीपथ को निरन्तर नई ऊँचाइंयों पर पहुँचाने में सतत लगी हुई हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी पथ
error: यह सामग्री सुरक्षित है !!