कविता

जले 2 – Jale 2 Lyrics – Sapna Choudhary

पढ़े “जले 2” लिरिक्स

मैं तन्ने सु प्यारी, तू प्यारा मेरा
मैं तेरी गिरी, तू छुआरा मेरा
मैं तन्ने सु प्यारी, तू प्यारा मेरा
मैं तेरी गिरी, तू छुआरा मेरा

जी तो मेरा इस्सा करे
हाये जानूं कच्चे ने खा ल्यू तने
हाये रे तू छाती के लगे रहिए
ताबीज बना ल्यू तने
छाती के लगे रहिए
ताबीज बना ल्यू तने

मैं कांगने में हारी थी पहले पिया
अब जीतूंगी जरूर प्यार आले खेल में
हो तू भी अंडे लगे छैल मेरे संग में
मैं भी लगु गच्छ, सुन तेरे गैल में

हो बनाके काजल जले
आख्या में सजा ल्यू तने
हाये रे तू छाती के लगे रहिए
ताबीज बना ल्यू तने
छाती के लगे रहिए
ताबीज बना ल्यू तने

बोहता के कालज्या में लागे आग सी
या तेरी मेरी जोड़े यूनीक से कटी
2 जिस्म, एक जान से हम दोनों रे
मिने तेरी बात पिया ठीक से कटी

मुकेश जाजी मेरे बलमा
आजा गल ते मैं ला ल्यू तने
हाये रे तू छाती के लगे रहिए
ताबीज बना ल्यू तने
छाती के लगे रहिए
ताबीज बना ल्यू तने

विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि हम जले 2 गीत को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी इस गाने को पढ़ सकें व आनंद ले सकें। पढ़ें Jale 2 रोमन में-

Hua Jale 2 Lyrics in Hindi

maiṃ tanne su pyārī, tū pyārā merā
maiṃ terī girī, tū chuārā merā
maiṃ tanne su pyārī, tū pyārā merā
maiṃ terī girī, tū chuārā merā

jī to merā issā kare
hāye jānūṃ kacce ne khā lyū tane
hāye re tū chātī ke lage rahie
tābīja banā lyū tane
chātī ke lage rahie
tābīja banā lyū tane

maiṃ kāṃgane meṃ hārī thī pahale piyā
aba jītūṃgī jarūra pyāra āle khela meṃ
ho tū bhī aṃḍe lage chaila mere saṃga meṃ
maiṃ bhī lagu gaccha, suna tere gaila meṃ

ho banāke kājala jale
ākhyā meṃ sajā lyū tane
hāye re tū chātī ke lage rahie
tābīja banā lyū tane
chātī ke lage rahie
tābīja banā lyū tane

bohatā ke kālajyā meṃ lāge āga sī
yā terī merī joḍa़e yūnīka se kaṭī
2 jisma, eka jāna se hama donoṃ re
mine terī bāta piyā ṭhīka se kaṭī

mukeśa jājī mere balamā
ājā gala te maiṃ lā lyū tane
hāye re tū chātī ke lage rahie
tābīja banā lyū tane
chātī ke lage rahie
tābīja banā lyū tane

सुरभि भदौरिया

सात वर्ष की छोटी आयु से ही साहित्य में रुचि रखने वालीं सुरभि भदौरिया एक डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी चलाती हैं। अपने स्वर्गवासी दादा से प्राप्त साहित्यिक संस्कारों को पल्लवित करते हुए उन्होंने हिंदीपथ.कॉम की नींव डाली है, जिसका उद्देश्य हिन्दी की उत्तम सामग्री को जन-जन तक पहुँचाना है। सुरभि की दिलचस्पी का व्यापक दायरा काव्य, कहानी, नाटक, इतिहास, धर्म और उपन्यास आदि को समाहित किए हुए है। वे हिंदीपथ को निरन्तर नई ऊँचाइंयों पर पहुँचाने में सतत लगी हुई हैं।

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