करचरण कृतं मंत्र – Karacharana Kritam – Magical Mantra of Lord Shiva
करचरण कृतं मंत्र” श्लोक एक प्रायश्चित (पश्चाताप) और क्षमा याचना का स्तोत्र है। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि व्यक्ति दिनभर में अनजाने या जानबूझकर किए गए पापों या गलतियों के लिए भगवान से क्षमा माँगे। इस श्लोक का गहरा आध्यात्मिक और मानसिक शुद्धि से संबंध है।
करचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं वा ।
श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधं ।
विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व ।
जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो ॥
शब्दार्थ और व्याख्या (हिंदीमें):
• करचरणकृतं = हाथों और पैरों से किया गया
• वाक्-कायजं = वाणी और शरीर से उत्पन्न
• कर्मजंवा = कर्मों से उत्पन्न
• श्रवण-नयनजंवा = कानों और आँखों से उत्पन्न (देखने-सुनने से)
• मानसंवा = मन से उत्पन्न
• अपराधम् = अपराध / पाप
• विहितमअविहितम्वा = जो नियम अनुसार था या अनियमित (जाने-अनजाने)
• सर्वमेतत्क्षमस्व = इन सब को क्षमा करो
• जयजयकरुणाब्धे = जय हो, जय हो, करुणा के सागर
• श्रीमहादेवशंभो = हे भगवान शंभू महादेव
अर्थ (सरल हिंदी में):
हे करुणा के सागर महादेव! जो कुछ भी अपराध मेरे द्वारा हाथ-पैर, वाणी, शरीर, कर्म, आँख, कानया मन सेजाने-अन जाने में हु आहो — वह चाहे नियम में होया नियम के विरुद्ध — उन सभी पापों को क्षमा करें।हेशंभो, आपकी जय हो, जयहो।
🕉 कब और क्यों बोला जाताहै?
• रात को सोने से पहले (दैनिक प्रायश्चित्त के लिए)
• पूजा के अंत में
• ध्यान या भजन के बाद
• कोई गलती या पाप महसूस हो तो
विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर हम इस कारा करण कृतम् मंत्र को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह मंत्र रोमन में–
karacaraṇa kṛtaṃ vākkayajaṃ karmajaṃ vā ।
śravaṇanayanajaṃ vā manasaṃ vaparādhaṃ ।
vihitamavihitaṃ vā sarvametatkṣamasva ।
jaya jaya karuṇābaddha śrīmahādeva śambho ॥
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