काशी विश्वनाथ मंत्र – Kashi Vishwanath Mantra Lyrics – Sananda Manandavane Vasantm
काशी विश्वनाथ मंत्र भगवान शिव की महिमा का गान करता है, जो आनंदवन (काशी) में आनंदपूर्वक निवास करते हैं। यह मंत्र शिव को परमानंद का स्रोत, समस्त सृष्टि का मूल कारण और समस्त पापों के विनाशक के रूप में वर्णित करता है। भक्त इस मंत्र के माध्यम से काशीपति श्री विश्वनाथ की शरण में जाने की प्रार्थना करते हैं, जो अनाथों के नाथ और कल्याणकारी हैं। इस काशी विश्वनाथ मंत्र का जप करने से भक्त को आध्यात्मिक शांति, मोक्ष एवं शिव कृपा प्राप्त होती है।
सानन्दमानन्दवने वसन्तमानन्दकन्दं हतपापवृन्दम्।
वाराणसीनाथमनाथनाथं श्रीविश्वनाथं शरणं प्रपद्ये॥
भावार्थ: जो भगवान शंकर आनंदवन काशी क्षेत्र में सुखपूर्वक विराजमान हैं, जो परमानंद के स्रोत एवं समस्त सृष्टि के कारण हैं, तथा जो समस्त पापों का नाश करने वाले हैं, मैं उन अनाथों के नाथ, काशीपति श्री विश्वनाथ की शरण ग्रहण करता हूँ। 🔱🕉️🔥🐍🏔️
विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर हम इस काशी विश्वनाथ मंत्र को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह काशी विश्वनाथ मंत्र रोमन में–
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sānandamānandavane vasantamānandakandaṃ hatapāpavṛndam।
vārāṇasīnāthamanāthanāthaṃ śrīviśvanāthaṃ śaraṇaṃ prapadye।।
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