महाभारत का आदि पर्व – Mahabharat Adi Parva in Hindi
आदि पर्व महाभारत के 18 पर्वों में से पहला है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, “आदि” का अर्थ होता है “प्रथम” या “आरंभ”। आदिपर्व में 19 उपपर्व हैं। इसमें कुल 236 अध्याय हैं। महाभारत के अन्य पर्व पढ़ने के लिए कृपया यहाँ देखें – संपूर्ण महाभारत की कथा।
आइए, पढ़ते हैं महाभारत का आदि पर्व संस्कृत श्लोकों और उनके हिंदी अर्थ के साथ–
आदि पर्व के उपपर्व
- अनुक्रमणिका पर्व
- पर्वसंग्रह पर्व
- पौष्य पर्व
- पौलोम पर्व
- आस्तीक पर्व
- अंशावतार पर्व
- संभाव पर्व
- जतुगृह पर्व
- हिडिम्बवध पर्व
- बकवध पर्व
- चैत्ररथ पर्व
- स्वयंवर पर्व
- वैवाहिक पर्व
- विदुरागमन राज्यलम्भ पर्व
- अर्जुनवनवास पर्व
- सुभद्राहरण पर्व
- हरणाहरण पर्व
- खाण्डवदाह पर्व
- मयदर्शन पर्व
आदिपर्व में जय नामक इस ग्रंथ अर्थात महाभारत के नैमिषारण्य में आरंभ होने का वर्णन है। इसका प्रत्येक अध्याय ज्ञान की अजस्र धारा से ओत-प्रोत है। महाभारत को संपूर्णता से समझने के लिए इसे गहराई से पढ़ना और समझना बहुत ज़रूरी है। यदि ऐसा न किया जाए, तो आगे बहुत-सी बातों का सही मतलब और घटनाओं का आपसी जुड़ाव समझने में कठिनाई का अनुभव होता है। अतः सजगता और धैर्य से इस पर्व का अध्ययन करें।
इसमें सबसे पहले बताया गया है कि पूरे ग्रंथ में क्या-क्या है। कह सकते हैं कि एक तरह से संपूर्ण महाभारत की रूपरेखा आपको यहाँ पढ़ने के लिए मिलेगी।