धर्म

भटियाणी माता की आरती – Bhatiyani Mata Ki Aarti

भटियाणी माता की आरती (Bhatiyani Mata Ki Aarti) का श्रद्धा से गायन सुख-सम्पत्ति देने वाला है। जो भक्त भटियाणी माता की आरती करता है माँ उसकी सारी विपदाएँ हर लेती हैं। दुष्टों का दलन करने वाली माँ हमेशा अपने भक्तों की रक्षा करती हैं। भटियाणी माता की आरती करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और इस अनुकम्पा से सारी रोग व पीड़ाएँ दूर हो जाती हैं। उनका स्मरण और अर्चन बुद्धि को शुद्ध करके सन्मार्ग पर लगाता है। व्यक्ति को इच्छित फल की प्राप्ति होती है। माता के आशीष से दुख और दरिद्रता का निवारण होता है। पढ़ें भटियाणी माता की आरती

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जय भटियाणी माता,
मैया जय भटियाणी माता,
सुख सम्पति म्हने दीजो,
सुख सम्पति म्हने दीजो,
दुःख हर लो माता,
मैया जय भटियाणी माता॥

विपदा हरणी माता,
दुष्ट दलन माता,
ओ मैया दुष्ट दलन माता,
रोग पीड़ा सब हर लो,
रोग पीड़ा सब हर लो,
सद बुद्धि दो माता,
मैया जय भटियाणी माता॥

नाम स्वरूपा माता,
मूरत मन भावे,
मैया मूरत मन भावे,
नर नारी सब ध्यावे,
नर नारी सब ध्यावे,
इच्छा फल पावे,
मैया जय भटियाणी माता॥

कुर्ती अंगिया माता,
लहंगा मुलतानी,
ओ मैया लहंगा मुलतानी,
हार गले अति सोहे,
हार गले अति सोहे,
भटियाणी महारानी,
मैया जय भटियाणी माता॥

सिर पर रखडी माता,
चुडला हद सोहे,
ओ मैया चुडला हद सोहे,
पग में पायल बिछिया,
पग में पायल बिछिया,
झांझर झनकावे,
मैया जय भटियाणी माता॥

लड्डू जलेबी चढ़े,
ज्योत जगे भारी,
ओ मैया ज्योत जगे भारी,
धुप दीप करे सब ही,
धुप दीप करे सब ही,
बाजे नौबत बाजा,
मैया जय भटियाणी माता॥

माँ भटियाणी री आरती,
जो कोई नर गावे,
मैया जो कोई नर गावे,
दुःख दरिद्र जावे,
दुःख दरिद्र जावे,
सुख सम्पति पावे,
मैया जय भटियाणी माता॥

माजिसा भरे भंडारा,
गुण गाऊं मैं थारा,
ओ मैया गुण गाऊं मैं थारा,
आरती सेवक गावे,
आरती सेवक गावे,
भाग्य खोलो म्हारा,
मैया जय भटियाणी माता॥

जय भटियाणी माता,
मैया जय भटियाणी माता,
सुख सम्पति म्हने दीजो,
सुख सम्पति म्हने दीजो,
दुःख हर लो माता,
मैया जय भटियाणी माता॥

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर भटियाणी माता की आरती (Bhatiyani Mata Ki Aarti) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें भटियाणी माता की आरती रोमन में–

Bhatiyani Mata Ki Aarti

jaya bhaṭiyāṇī mātā,
maiyā jaya bhaṭiyāṇī mātā,
sukha sampati mhane dījo,
sukha sampati mhane dījo,
duḥkha hara lo mātā,
maiyā jaya bhaṭiyāṇī mātā॥

vipadā haraṇī mātā,
duṣṭa dalana mātā,
o maiyā duṣṭa dalana mātā,
roga pīड़ā saba hara lo,
roga pīड़ā saba hara lo,
sada buddhi do mātā,
maiyā jaya bhaṭiyāṇī mātā॥

nāma svarūpā mātā,
mūrata mana bhāve,
maiyā mūrata mana bhāve,
nara nārī saba dhyāve,
nara nārī saba dhyāve,
icchā phala pāve,
maiyā jaya bhaṭiyāṇī mātā॥

kurtī aṃgiyā mātā,
lahaṃgā mulatānī,
o maiyā lahaṃgā mulatānī,
hāra gale ati sohe,
hāra gale ati sohe,
bhaṭiyāṇī mahārānī,
maiyā jaya bhaṭiyāṇī mātā॥

sira para rakhaḍī mātā,
cuḍalā hada sohe,
o maiyā cuḍalā hada sohe,
paga meṃ pāyala bichiyā,|
paga meṃ pāyala bichiyā,
jhāṃjhara jhanakāve,
maiyā jaya bhaṭiyāṇī mātā॥

laḍḍū jalebī caढ़e,
jyota jage bhārī,
o maiyā jyota jage bhārī,
dhupa dīpa kare saba hī,
dhupa dīpa kare saba hī,
bāje naubata bājā,
maiyā jaya bhaṭiyāṇī mātā॥

mā~ bhaṭiyāṇī rī āratī,
jo koī nara gāve,
maiyā jo koī nara gāve,
duḥkha daridra jāve,
duḥkha daridra jāve,
sukha sampati pāve,
maiyā jaya bhaṭiyāṇī mātā॥

mājisā bhare bhaṃḍārā,
guṇa gāūṃ maiṃ thārā,
o maiyā guṇa gāūṃ maiṃ thārā,
āratī sevaka gāve,
āratī sevaka gāve,
bhāgya kholo mhārā,
maiyā jaya bhaṭiyāṇī mātā॥

jaya bhaṭiyāṇī mātā,
maiyā jaya bhaṭiyāṇī mātā,
sukha sampati mhane dījo,
sukha sampati mhane dījo,
duḥkha hara lo mātā,
maiyā jaya bhaṭiyāṇī mātā॥

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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