धर्म

वट सावित्री की आरती – Vat Savitri Ki Aarti

“वट सावित्री की आरती” इस व्रत की पूजा में कथा के साथ वट यह आरती भी की जाती है। पढ़ें यह वट सावित्री व्रत की आरती हिंदी में।

आरती वट सावित्री और वट वट वृक्ष की।
अश्वपती पुसता झाला। नारद सागंताती तयाला॥
अल्पायुषी स त्यवंत। सावित्री ने कां प्रणीला॥
आणखी वर वरी बाळे। मनी निश्चय जो केला॥
आरती वडराजा॥

दयावंत यमदूजा। सत्यवंत ही सावित्री।
भावे करीन मी पूजा। आरती वडराजा॥
ज्येष्ठमास त्रयोदशी। करिती पूजन वडाशी॥
त्रिरात व्रत करूनीया। जिंकी तू सत्यवंताशी।
आरती वडराजा॥

स्वर्गावारी जाऊनिया। अग्निखांब कचळीला॥
धर्मराजा उचकला। हत्या घालिल जीवाला।
येश्र गे पतिव्रते। पती नेई गे आपुला॥
आरती वडराजा ॥

जाऊनिया यमापाशी। मागतसे आपुला पती।
चारी वर देऊनिया। दयावंता द्यावा पती।
आरती वडराजा॥

पतिव्रते तुझी कीर्ती। ऐकुनि ज्या नारी॥
तुझे व्रत आचरती। तुझी भुवने पावती॥
आरती वडराजा॥

पतिव्रते तुझी स्तुती। त्रिभुवनी ज्या करिती॥
स्वर्गी पुष्पवृष्टी करूनिया। आणिलासी आपुला पती॥
अभय देऊनिया। पतिव्रते तारी त्यासी॥
आरती वडराजा॥

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर वट सावित्री की आरती रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें वट सावित्री व्रत की आरती रोमन में–

Vat Savitri Ki Aarti Lyrics

aśvapatī pusatā jhālā। nārada sāgaṃtātī tayālā॥
alpāyuṣī sa tyavaṃta। sāvitrī ne kāṃ praṇīlā॥
āṇakhī vara varī bāḻe। manī niścaya jo kelā॥
āratī vaḍarājā॥

dayāvaṃta yamadūjā। satyavaṃta hī sāvitrī।
bhāve karīna mī pūjā। āratī vaḍarājā॥
jyeṣṭhamāsa trayodaśī। karitī pūjana vaḍāśī॥
trirāta vrata karūnīyā। jiṃkī tū satyavaṃtāśī।
āratī vaḍarājā॥

svargāvārī jāūniyā। agnikhāṃba kacaḻīlā॥
dharmarājā ucakalā। hatyā ghālila jīvālā।
yeśra ge pativrate। patī neī ge āpulā॥
āratī vaḍarājā ॥

jāūniyā yamāpāśī। māgatase āpulā patī।
cārī vara deūniyā। dayāvaṃtā dyāvā patī।
āratī vaḍarājā॥

pativrate tujhī kīrtī। aikuni jyā nārī॥
tujhe vrata ācaratī। tujhī bhuvane pāvatī॥
āratī vaḍarājā॥

pativrate tujhī stutī। tribhuvanī jyā karitī॥
svargī puṣpavṛṣṭī karūniyā। āṇilāsī āpulā patī॥
abhaya deūniyā। pativrate tārī tyāsī॥
āratī vaḍarājā॥

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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