कविता

गोरी तेरी आँखें कहें – Gori Teri Aankhein Kahein Lyrics In Hindi

गोरी तेरी आँखें कहें, रात भर सोयी नहीं
चंदा देखे चुपके कहीं, और तारे जानते हैं सभी
के किसने दिल ले लिया, किसको दिल दे दिया
ये दिल का लगाना कोई जानता नहीं
गोरी तेरी आँखें…

दिल में तेरी याद बसी तू समझेगा नहीं
जो है मेरे पास है तेरा, मेरा कुछ नहीं
क्यूँ अंखियाँ छुपाऊँ, क्यूँ तुझको सताऊँ
दिल तोड़ के तेरा मैं क्या पाऊं
बोल पिया बोल पिया बोल…

साजन तेरी बातें बड़ी, के मैं रात भर सोयी नहीं
चंदा ने भी देखा नहीं, और तारों को ये मालूम नहीं
कि मैंने तुझे दिल दिया, तेरा दिल ले लिया
मेरा तू ही है बहाना, क्यूँ मानता नहीं
साजन तेरी बातें बड़ी…

आते जाते मौसम जैसे लगते थे सभी
हमने भी तो माँगा रब से अपना भी कोई
दुनिया से बचाऊँ, पलकों में छुपाऊं
दिल जीत के तेरा सबको बताऊँ
सुन गोरी…
गोरी तेरी आँखें…

विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि हम इस गीत को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी इस गाने को पढ़ सकें व आनंद ले सकें। पढ़ें गोरी तेरी आँखें कहें रोमन में-

Read Gori Teri Aankhein Kahein Lyrics In Hindi

gorī terī ā~kheṃ kaheṃ, rāta bhara soyī nahīṃ
caṃdā dekhe cupake kahīṃ, aura tāre jānate haiṃ sabhī
ke kisane dila le liyā, kisako dila de diyā
ye dila kā lagānā koī jānatā nahīṃ
gorī terī ā~kheṃ…

dila meṃ terī yāda basī tū samajhegā nahīṃ
jo hai mere pāsa hai terā, merā kucha nahīṃ
kyū~ aṃkhiyā~ chupāū~, kyū~ tujhako satāū~
dila toड़ ke terā maiṃ kyā pāūṃ
bola piyā bola piyā bola…

sājana terī bāteṃ baḍa़ī, ke maiṃ rāta bhara soyī nahīṃ
caṃdā ne bhī dekhā nahīṃ, aura tāroṃ ko ye mālūma nahīṃ
ki maiṃne tujhe dila diyā, terā dila le liyā
merā tū hī hai bahānā, kyū~ mānatā nahīṃ
sājana terī bāteṃ baḍa़ī…

āte jāte mausama jaise lagate the sabhī
hamane bhī to mā~gā raba se apanā bhī koī
duniyā se bacāū~, palakoṃ meṃ chupāūṃ
dila jīta ke terā sabako batāū~
suna gorī…
gorī terī ā~kheṃ…

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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