सूरह अश शम्स हिंदी में – सूरह 91
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है।
क़सम है सूरज की और उसकी धूप चढ़ने की। और चांद की जबकि वह सूरज के पीछे आए। और दिन की जबकि वह उसे रोशन कर दे। और रात की जब वह उसे छुपा ले। और आसमान की और जैसा कि उसे बनाया। और जमीन की और जैसा कि उसे फैलाया। और जान की जैसा कि उसे ठीक किया। फिर उसे समझ दी, उसकी बदी की और उसकी नेकी की। कामयाब हुआ जिसने उसे पाक (शुद्ध) किया और नामुराद हुआ जिसने उसे आलूदा (अशुद्ध) किया। समूद ने अपनी सरकशी की बिना पर झुठलाया। जबकि उठ खड़ा हुआ उनका सबसे बड़ा बदबख्त | तो अल्लाह के रसूल ने उनसे कहा कि अल्लाह की ऊंटनी और उसके पानी पीने से ख़बरदार। तो उन्होंने उसे झुठलाया। फिर ऊंटनी को मार डाला। फिर उनके रब ने उन पर हलाकत नाज़िल की। फिर सबको बराबर कर दिया। वह नहीं डरता कि उसके पीछे क्या होगा। (1-15)