सूरह अल लइल हिंदी में – सूरह 92
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है।
क़सम है रात की जबकि वह छा जाए। और दिन की जबकि वह रोशन हो और उसकी जो उसने पैदा किए नर और मादा। कि तुम्हारी कोशिशें अलग-अलग हैं। पल जिसने दिया और वह डरा और उसने भलाई को सच माना। तो उसे हम आसान रास्ते के लिए सुहूलत देंगे। और जिसने बुख्ल (कंजूसी) किया और बेपरवाह रहा, और भलाई को झुठलाया, तो हम उसे सख्त रास्ते के लिए सुहूलत देंगे। और उसका माल उसके काम न आएगा जब वह गढ़े में गिरेगा। बेशक हमारे ज़िम्मे है राह बताना। और बेशक हमारे इख़्तियार में है आख़िरत और दुनिया। पस मैंने तुम्हें डगा दिया भड़कती हुई आग से | उसमें वही पड़ेगा जो बड़ा बदबख़्त है। जिसने झुठलाया और रूगर्दानी (अवहेलना) की। और हम उससे बचा देंगे ज़्यादा डरने वाले को। जो अपना माल देता है पाकी हासिल करने के लिए और उस पर किसी का एहसान नहीं जिसका बदला उसे देना हो। मगर सिर्फ़ अपने खुदाए बरतर की खुशनूदी के लिए। और अनक़रीब वह खुश हो जाएगा। (1-21)