धर्म

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धर्मस्वामी विवेकानंद

भगिनी निवेदिता आदि के साथ स्वामी विवेकानंद का अलीपुर पशुशालादेखने जाना

भगिनी निवेदिता आदि के साथ स्वामीजी का अलीपुर पशुशालादेखने जाना – पशुशाला देखते समय वार्तालाप तथा हँसी – सम्बन्ध में महामुनि पतंजलि का मत आदि।

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श्रीरामकृष्ण मठ को अद्वितीय धर्मक्षेत्र बना लेने की स्वामी विवेकानंद की इच्छा

श्रीरामकृष्ण मठ को अद्वितीय धर्मक्षेत्र बना लेने की स्वामीजी की इच्छा – मठ में ब्रह्मचारियों को किस प्रकार शिक्षा देने का संकल्प था आदि।

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धर्मस्वामी विवेकानंद

भारत की उन्नति का उपाय क्या है?

भारत की उन्नति का उपाय क्या है? – दूसरों के लिए कर्म काअनुष्ठान या कर्मयोग। आप भी पढ़ें और समझने की कोशिश करे भारत की उन्नति का उपाय।

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धर्मस्वामी विवेकानंद

शुद्ध ज्ञान व शुद्ध भक्ति एक हैं

शुद्ध ज्ञान व शुद्ध भक्ति एक हैं – पूर्णप्रज्ञ न होने पर प्रेम कीअनुभूति असम्भव है – यथार्थ ज्ञान और भक्ति प्राप्त न हो, तभी तक विवाद है आदि।

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धर्मस्वामी विवेकानंद

धर्म प्राप्त करना हो तो गृहस्थ व संन्यासी दोनों के लिएकामकांचन के प्रति आसक्त्ति का त्याग करना एक जैसा ही आवश्यक है

धर्म प्राप्त करना हो तो गृहस्थ व संन्यासी दोनों के लिएकामकांचन के प्रति आसक्त्ति का त्याग करना एक जैसा ही आवश्यक है -कृपासिद्ध किसे कहते हैं।

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धर्मस्वामी विवेकानंद

खाद्याखाद्य का विचार कैसे करना होगा

खाद्याखाद्य का विचार कैसे करना होगा – मांसाहार किसे करना उचित है – भारत के वर्णाश्रम धर्म का किस रूप में फिर से उद्धार होने की आवश्यकता है।

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धर्मस्वामी विवेकानंद

स्थान, काल आदि की शुद्धता का विचार कब तक

स्थान, काल आदि की शुद्धता का विचार कब तक – आत्मा के प्रकट होने के विघ्नों को जो विनष्ट करती है वही साधना है – निष्काम कर्म किये कहते हैं।

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स्वामी विवेकानंद की नागमहाशय से भेंट

स्थान – बेलुड़ मठवर्ष – १८९९ ईसवी के प्रारम्भ मेंविषय – स्वामीजी की नागमहाशय से भेंट – आपस में एक

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स्वामी विवेकानंद का कलकत्ता जुबिली आर्ट एकेडेमी के अध्यापक श्री रणदाप्रसाद दासगुप्त के साथ शिल्प के सम्बन्ध में वार्तालाप

स्वामीजी का कलकत्ता जुबिली आर्ट एकेडेमी के अध्यापक श्री रणदाप्रसाद दासगुप्त के साथ शिल्प के सम्बन्ध में वार्तालाप आदि।

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