समुद्र मंथन की चर्चा – महाभारत का सत्रहवाँ अध्याय (आस्तीक पर्व)
“समुद्र मंथन की चर्चा” नामक यह कथा महाभारत के आदिपर्व के अन्तर्गत आस्तीक पर्व में आती है। यह महाभारत का
Read More“समुद्र मंथन की चर्चा” नामक यह कथा महाभारत के आदिपर्व के अन्तर्गत आस्तीक पर्व में आती है। यह महाभारत का
Read More“कश्यप के पुत्रों की उत्पत्ति” नामक यह कथा महाभारत के आदि पर्व के अन्तर्गत आस्तीक पर्व में आती है। इसमें
Read More“आस्तीक का जन्म” नामक यह कथा महाभारत महाकाव्य के आदि पर्व के अन्तर्गत आस्तीकपर्व में आती है। इसमें पिछले अध्याय
Read More“जरत्कारु का विवाह” नामक यह कथा महाभारत के आदिपर्व के अन्तर्गत आस्तीक पर्व में आती है। पिछले अध्याय में विवाह
Read More“जरत्कारु से पितरों का अनुरोध” नामक महाभारत की यह कथा आदिपर्व के अन्तर्गत आस्तीक पर्व में आती है। यह महाभारत
Read Moreआस्तीक पर्व महाभारत के प्रथम पर्व आदिपर्व का पाँचवाँ उपपर्व है। इसमें 46 अध्याय और कुल 1108 श्लोक हैं। आस्तीक
Read More“रुरु और सर्प-यज्ञ की कथा” महाभारत के अन्तर्गत आदिपर्व के पौलोमपर्व में आती है। यह पौलोम पर्व का अन्तिम अध्याय
Read More“डुण्डुभ की आत्मकथा व अहिंसा का उपदेश” नामक यह कथा महाभारत में आदि पर्व के अन्तर्गत पौलोम पर्व में आती
Read More“डुण्डुभ की प्राण-रक्षा” अध्याय महाभारत के आदि पर्व में पौलोम पर्व के अन्तर्गत आता है। पिछली कथा में प्रमद्वरा के
Read Moreप्रमद्वरा का जीवित होना असंभव-सा प्रतीत होता था। पिछले अध्याय में प्रमद्वरा की साँप के काटने से मृत्यु हो चुकी
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