शांतशील का वध – विक्रम-बेताल की कहानी
“शांतशील का वध” बेताल पच्चीसी की पच्चीसवीं व अंतिम कहानी है। इसमें राजा विक्रम दुष्ट भिक्षु शांतिशील का वध करने
Read Moreहिन्दी कथा-साहित्य
“शांतशील का वध” बेताल पच्चीसी की पच्चीसवीं व अंतिम कहानी है। इसमें राजा विक्रम दुष्ट भिक्षु शांतिशील का वध करने
Read More“चंद्रावती की अनोखी कथा” बेताल पच्चीसी की चौबीसवीं कहानी है। इसमें राजा विक्रम बेताल के प्रश्न पर मौन रहकर उसे
Read More“बूढ़ा तपस्वी क्यों हँसा और रोया” बेताल पच्चीसी की तेईसवीं कहानी है। इसमें राजा विक्रम बेताल को बूढ़े तपस्वी के
Read More“चार ब्राह्मण भाइयों की कथा” बेताल पच्चीसी की बाईसवीं कहानी है। इसमें राजा विक्रम बताता है चारों भाइयों में ब्रह्महत्या
Read More“चंद्रावलोक और ब्राह्मण-पुत्र” की कहानी का उत्तर जान बेताल पुनः उड़ गया। राजा विक्रमादित्य फिर उसी शिंशपा-वृक्ष के निकट पहुंचा।
Read More“चंद्रावलोक और ब्राह्मण-पुत्र” की कहानी बेताल पचीसी की बीसवीं कथा है। मृत्यु के समय ब्राह्मण-पुत्र हँसने लगता है, इसका कारण
Read More“चंद्रप्रभ किसका पुत्र?” बेताल पच्चीसी की उन्नीसवीं कहानी है। राजा चंद्रप्रभ के तीन पिताओं में से उसका पिता वाक़ई कौन
Read More“चंद्रस्वामी की दुविधा” बेताल पच्चीसी की अठारहवीं कहानी है। चंद्रस्वामी को सही-सही साधना करने के बावजूद भी सिद्धि क्यों नहीं
Read More“यशोधन और बलधर में कौन अधिक चरित्रवान” बेताल पच्चीसी की सत्रहवीं कथा है। इसमें राजा विक्रम बेताल के इस प्रश्न
Read More“जीमूतवाहन व शंखचूड़ की कथा” बेताल पच्चीसी की सोलहवीं कथा है। इसमें राजा विक्रम बेताल के इस प्रश्न का समाधान
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