धर्म

श्री चिंतपूर्णी देवी की आरती – Mata Shri Chintpurni Devi

चिंतपूर्णी माता की आरती का गायन समस्त सुख प्रदान करने वाला तथा दुःखों और बाधाओं को दूर करने वाला है। माता चिंतपूर्णी देवी भगवती दुर्गा का ही एक दिव्य स्वरूप हैं। इन्हें माँ छिन्नमस्तिका के नाम से भी जाना जाता है। चिंतपूर्णी माता की आरती (Chintpurni Aarti) गाने से सारी चिंताएँ दूर हो जाती हैं और सभी इच्छाएँ फलीभूत होती हैं। माँ चिन्तपूर्णी कभी अपने भक्तों को कष्टों में नहीं रहने देती हैं। उनकी भक्ति इहलोक व परलोक में सुखदायक है।

माँ के दर से कोई भी श्रद्धालु खाली हाथ नहीं जाता है। माता चिंतपूर्णी देवी अपने भक्तों पर कृपावृष्टि करती रहती हैं। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार दैत्यों-दानवों का वध करने के पश्चात अपनी सहयोगिनियों जया और विजिया की क्षुधा-शान्त करने के लिए माता ने अपना मस्तक काटा था। इसी कारण माँ का यह स्वरूप छिन्नमस्ता कहलाया। देवी का यह स्वरूप सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला है। पढ़ें चिंतपूर्णी माता की आरती (Chintpurni Mata Ki Aarti) हिंदी में–

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चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी,
जग को तारो भोली माँ

जन को तारो भोली माँ,
काली दा पुत्र पवन दा घोड़ा॥
॥ भोली माँ ॥

सिन्हा पर भाई असवार,
भोली माँ, चिंतपूर्णी चिंता दूर॥
॥ भोली माँ ॥

एक हाथ खड़ग दूजे में खांडा,
तीजे त्रिशूल सम्भालो॥
॥ भोली माँ ॥

चौथे हाथ चक्कर गदा,
पाँचवे-छठे मुण्ड़ो की माला॥
॥ भोली माँ ॥

सातवे से रुण्ड मुण्ड बिदारे,
आठवे से असुर संहारो॥
॥ भोली माँ ॥

चम्पे का बाग़ लगा अति सुन्दर,
बैठी दीवान लगाये॥
॥ भोली माँ ॥

हरी ब्रम्हा तेरे भवन विराजे,
लाल चंदोया बैठी तान॥
॥ भोली माँ ॥

औखी घाटी विकटा पैंडा,
तले बहे दरिया॥
॥ भोली माँ ॥

सुमन चरण ध्यानु जस गावे,
भक्तां दी पज निभाओ॥
॥ भोली माँ ॥

चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी,
जग को तारो भोली माँ ॥

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर श्री चिंतपूर्णी देवी की आरती ( Mata Shri Chintpurni Devi ) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें श्री चिंतपूर्णी देवी की आरती रोमन में–

Read Mata Shri Chintpurni Devi

ciṃtapūrṇī ciṃtā dūra karanī,
jaga ko tāro bholī mā~

jana ko tāro bholī mā~,
kālī dā putra pavana dā ghoड़ā॥
॥ bholī mā~ ॥

sinhā para bhāī asavāra,
bholī mā~, ciṃtapūrṇī ciṃtā dūra॥
॥ bholī mā~ ॥

eka hātha khaḍa़ga dūje meṃ khāṃḍā,
tīje triśūla sambhālo॥
॥ bholī mā~ ॥

cauthe hātha cakkara gadā,
pā~cave-chaṭhe muṇड़o kī mālā॥
॥ bholī mā~ ॥

sātave se ruṇḍa muṇḍa bidāre,
āṭhave se asura saṃhāro॥
॥ bholī mā~ ॥

campe kā bāga़ lagā ati sundara,
baiṭhī dīvāna lagāye॥
॥ bholī mā~ ॥

harī bramhā tere bhavana virāje,
lāla caṃdoyā baiṭhī tāna॥
॥ bholī mā~ ॥

aukhī ghāṭī vikaṭā paiṃḍā,
tale bahe dariyā॥
॥ bholī mā~ ॥

sumana caraṇa dhyānu jasa gāve,
bhaktāṃ dī paja nibhāo॥
॥ bholī mā~ ॥

ciṃtapūrṇī ciṃtā dūra karanī,
jaga ko tāro bholī mā~

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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