धर्म

चित्रगुप्त स्तुति – Chitragupt Stuti

चित्रगुप्त स्तुति का श्रद्धावान व्यक्ति यदि चित्रगुप्त स्तुति (Chitragupta Stuti) का नियमित पाठ करता है तो उसके सभी पाप सहज ही कट जाते हैं।

जय चित्रगुप्त यमेश तव,
शरणागतम् शरणागतम् ।
जय पूज्यपद पद्मेश तव,
शरणागतम् शरणागतम् ॥

जय देव देव दयानिधे,
जय दीनबन्धु कृपानिधे ।
कर्मेश जय धर्मेश तव,
शरणागतम् शरणागतम् ॥

जय चित्र अवतारी प्रभो,
जय लेखनीधारी विभो ।
जय श्यामतम, चित्रेश तव,
शरणागतम् शरणागतम् ॥

पुर्वज व भगवत अंश जय,
कास्यथ कुल, अवतंश जय ।
जय शक्ति, बुद्धि विशेष तव,
शरणागतम् शरणागतम् ॥

जय विज्ञ क्षत्रिय धर्म के,
ज्ञाता शुभाशुभ कर्म के ।
जय शांति न्यायाधीश तव,
शरणागतम् शरणागतम् ॥

जय दीन अनुरागी हरी,
चाहें दया दृष्टि तेरी ।
कीजै कृपा करूणेश तव,
शरणागतम् शरणागतम् ॥

तब नाथ नाम प्रताप से,
छुट जायें भव, त्रयताप से ।
हो दूर सर्व कलेश तव,
शरणागतम् शरणागतम् ॥

जय चित्रगुप्त यमेश तव,
शरणागतम् शरणागतम् ।
जय पूज्य पद पद्येश तव,
शरणागतम् शरणागतम् ॥

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर चित्रगुप्त स्तुति को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह चित्रगुप्त स्तुति रोमन में–

Read Chitragupt Stuti

jaya citragupta yameśa tava,
śaraṇāgatam śaraṇāgatam ।
jaya pūjyapada padmeśa tava,
śaraṇāgatam śaraṇāgatam ॥

jaya deva deva dayānidhe,
jaya dīnabandhu kṛpānidhe ।
karmeśa jaya dharmeśa tava,
śaraṇāgatam śaraṇāgatam ॥

jaya citra avatārī prabho,
jaya lekhanīdhārī vibho ।
jaya śyāmatama, citreśa tava,
śaraṇāgatam śaraṇāgatam ॥

purvaja va bhagavata aṃśa jaya,
kāsyatha kula, avataṃśa jaya ।
jaya śakti, buddhi viśeṣa tava,
śaraṇāgatam śaraṇāgatam ॥

jaya vijña kṣatriya dharma ke,
jñātā śubhāśubha karma ke ।
jaya śāṃti nyāyādhīśa tava,
śaraṇāgatam śaraṇāgatam ॥

jaya dīna anurāgī harī,
cāheṃ dayā dṛṣṭi terī ।
kījai kṛpā karūṇeśa tava,
śaraṇāgatam śaraṇāgatam ॥

taba nātha nāma pratāpa se,
chuṭa jāyeṃ bhava, trayatāpa se ।
ho dūra sarva kaleśa tava,
śaraṇāgatam śaraṇāgatam ॥

jaya citragupta yameśa tava,
śaraṇāgatam śaraṇāgatam ।
jaya pūjya pada padyeśa tava,
śaraṇāgatam śaraṇāgatam ॥

यह भी पढ़ें

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी पथ
error: यह सामग्री सुरक्षित है !!