धर्म

देवनारायण भगवान की आरती – Devnarayan Bhagwan Ki Aarti

देवनारायण भगवान की आरती (Devnarayan Bhagwan Ki Aarti) करना भक्तों के लिए परम हितकारी माना गया है। राजस्थान के आसिन्द में उनका भव्य मंदिर है। वहाँ जाकर जो भी भक्त उनके दर्शन करता है और देवनारायण भगवान की आरती गाता है, उसे जीवन में कभी भी धन आदि की कमी नहीं होती है। साथ ही विद्या और वैभव की अपार वृष्टि उसके ऊपर होती है। कलियुग में भगवान श्री विष्णु के अवतार प्रसन्न होकर शीघ्र ही अपने भक्तों पर कृपा करते हैं। देवनारायण भगवान की आरती पढ़ने से वे सभी बाधाओं व कष्टों से अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।

जय श्री देव हरे, स्वामी जय श्री देव हरे।
जनम जनम के पातक, क्षण में दूर करे॥

उत्पत्ति पालन संहार से, प्रभु क्रीड़ा करता।
देव अर्थ का निशदिन,जो हृदये धरता॥
जय श्री देव हरे…

सब प्रपंच का सुन लो, ईश्वर आधारा।
नारायण शब्दार्थ लख, हरि उर धारा॥
जय श्री देव हरे…

देव है ब्रह्मा विष्णु, और शंकर देवा
देव है गुरु पितृ माता ,जान करो सेवा॥
जय श्री देव हरे…

जब जब धर्म नशावे, पाप बढ़े भारी।
तब तब प्रगटो स्वामी, भक्तन हितकारी ॥
जय श्री देव हरे…

धन विद्या तुम देते, तुम सब कुछ दाता।
तुम बिन और नाँहि, कोई नहीं आता॥
जय श्री देव हरे…

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह देवनारायण भगवान की आरती (Devnarayan Bhagwan Ki Aarti) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें देवनारायण भगवान की आरती रोमन में–

jaya śrī deva hare, svāmī jaya śrī deva hare।
janama janama ke pātaka, kṣaṇa meṃ dūra kare॥

utpatti pālana saṃhāra se, prabhu krīḍa़ā karatā।
deva artha kā niśadina,jo hṛdaye dharatā॥
jaya śrī deva hare…

saba prapaṃca kā suna lo, īśvara ādhārā।
nārāyaṇa śabdārtha lakha, hari ura dhārā॥
jaya śrī deva hare…

deva hai brahmā viṣṇu, aura śaṃkara devā।
deva hai guru pitṛ mātā ,jāna karo sevā॥
jaya śrī deva hare…

jaba jaba dharma naśāve, pāpa baḍha़e bhārī।
taba taba pragaṭo svāmī, bhaktana hitakārī ॥
jaya śrī deva hare…

dhana vidyā tuma dete, tuma saba kucha dātā।
tuma bina aura nā~hi, koī nahīṃ ātā॥
jaya śrī deva hare…

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी पथ
error: यह सामग्री सुरक्षित है !!