“लड़ाई में जीत किसकी?” – अकबर बीरबल की कहानी
“लड़ाई में जीत किसकी?” पुरानी शैली की रोचक कहानी है, जिसमें बीरबल दूसर राजा की बुद्धिमत्ता का अन्दाज़ा लगाकर जीत-हार का निर्णय देता है। अन्य अकबर बीरबल की कहानियां पढ़ने के लिए कृपया यहाँ जाएँ – अकबर-बीरबल के किस्से।
एक दिन कहीं संग्राम में जाने के लिये उद्यत होकर बादशाह अकबर ने बीरबल से पूछा, “अच्छा बीरबल! तुम बहुत ही बुद्धिमान हो और मुझे तुम्हारे तेज़ दिमाग़ पर पूरा भरोसा है। इसलिए मैं तुमसे पूछता हूँ कि आज की लड़ाई में किसकी जीत होगी?”
बीरबल ने उत्तर दिया, “पृथिवीनाथ! यह बात मैं यहाँ से नहीं बतला सकता। हाँ, युद्ध का मैदान देखकर आपको बतला दूँगा कि कौन जीत हासिल कर सकता है और कौन नहीं।”
अकबर जब संग्रामांगण में पहुँचा तो फिर वही बात बीरबल से पूछी। बीरबल ने उत्तर दिया, “पृथिवीनाथ! आपकी ही जीत होगी।”
बादशाह अकबर बोले, “यह तुमने कैसे जाना?”
बीरबल ने कहा, “सरकार! मैं इससे कह रहा हूँ कि आपका शत्रु हाथी पर सवार होकर आया है और हाथी एक मनहूस जानवर है। यहाँ तक कि वह अपनी सूँड से धूल उठाकर अपने ही शरीर पर फेंका करता है और आप घोड़े पर सवार हैं। घोड़ा बहादुर होता है। उसको लोग गाजीमर्द भी कहते हैं। बादशाह अकबर बीरबल के उत्तर से बड़ा प्रसन्न हुए और लड़ाई में जीत होने पर उसे भरपूर इनाम दिया।