कविता

ओ पिया – O Piya Lyrics

पढ़ें “ओ पिया” लिरिक्स

ओ पिया ओ पिया, लेके डोलि आ – 2
चलूँ मैं तेरी ही गली
चलूँ मैं तेरी ही गली
ओ पिया की गली तो लागे जग से भली
जग से भली

ओ पिया… लेके डोलि आ – 2.

सात रंग के ख्वाब हैं, आँखों में सजे
सोए-सोए अरमा, आज दिल में जगे
हो सात रंग के ख्वाब हैं, आँखों में सजे
सोए-सोए अरमा, आज दिल में जगे
चलूँ मैं तेरी ही गली
चलूँ मैं तेरी ही गली
ओ पिया की गली तो लागे जग से भली
जग से भली

ओ पिया… लेके डोलि आ – 2

हाथों की लकीरों में आ छुपा ले मुझे
कर ना पाए फिर कोई जुदा ही हमें
हो हाथों की लकीरों में आ छुपा ले मुझे
कर ना पाए फिर कोई जुदा ही हमें
चलूँ मैं तेरी ही गली
चलूँ मैं तेरी ही गली
ओपिया की गली तो लागे जग से भली
जग से भली

ओ पिया… लेके डोलि आ – 2

विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि हम इस गीत को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी इस गाने को पढ़ सकें व आनंद ले सकें। पढ़ें O Piya Lyrics गीत रोमन में-

Read O Piya Leke Doli Aa Lyrics

o piyā o piyā, leke ḍoli ā
o piyā o piyā, leke ḍoli ā
calū~ maiṃ terī hī galī
calū~ maiṃ terī hī galī
o piyā kī galī to lāge jaga se bhalī
jaga se bhalī

o piyā o piyā, leke ḍoli ā
o piyā o piyā, leke ḍoli ā..

sāta raṃga ke khvāba haiṃ, ā~khoṃ meṃ saje
soe-soe aramā, āja dila meṃ jage
ho sāta raṃga ke khvāba haiṃ, ā~khoṃ meṃ saje
soe-soe aramā, āja dila meṃ jage
calū~ maiṃ terī hī galī
calū~ maiṃ terī hī galī
o piyā kī galī to lāge jaga se bhalī
jaga se bhalī

o piyā o piyā, leke ḍoli ā
o piyā o piyā, leke ḍoli ā..

hāthoṃ kī lakīroṃ meṃ ā chupā le mujhe
kara nā pāe phira koī judā hī hameṃ
ho hāthoṃ kī lakīroṃ meṃ ā chupā le mujhe
kara nā pāe phira koī judā hī hameṃ
calū~ maiṃ terī hī galī
calū~ maiṃ terī hī galī
o piyā kī galī to lāge jaga se bhalī
jaga se bhalī

o piyā o piyā, leke ḍoli ā
o piyā o piyā, leke ḍoli ā..

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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