धर्म

सुंधा माता की आरती – Sundha Mata Ki Aarti

सुंधा माता की आरती (Sundha Mata Ki Aarti) अपने में माँ की शक्ति का अंश समेटे हुए है। राजस्थान में स्थित उनके प्राचीन मंदिर का दर्शन और सुंधा माता की आरती का गायन अत्यन्त कल्याणकारी है। संपूर्ण विश्व का आधार माता की परम-शक्ति है और सब-कुछ उसी पर टिका हुआ है। वे ममता से भरी हुई हैं और उनकी कृपा-वायु चतुर्दिक बह रही है। जो भक्त पवित्र हृदय से माँ का स्मरण करता है और सुंधा माता की आरती गाता है, उसको ग़रीबी का मुख नहीं देखना पड़ता और घर में कभी भी सुख-संपत्ति आदि की कमी नहीं होती है। सुंधा पर्वत पर स्थित उनके मंदिर में पूजन करने से हृदय की सारी इच्छाएँ पूरी हो जाती हैं। पढ़ें सुंधा माता की आरती–

जय सुन्धा माता, मैया जय सुन्धा माता।
चामुण्डा अज केश्वरी, सुख संपत्ति दाता।
जय सुन्धा माता॥

सुन्धा परवत बणियो, मन्दिर हद भारी।
तीन लोक में कीरत, पूजे नर नारी॥
जय सुन्धा ….

चांचिक देव तिहारो, मंदिर बणवायो।
सुन्धा परवत जग में, तीरथ कहलायो॥
जय सुन्धा ….

केसरि – वाहन राजे, चारभुजा धारी।
लाल चुनरिया चमके, शोभा है न्यारी॥
जय सुन्धा ….

चण्ड मुण्ड संहारी, चामुण्डा माता।
तेरे दर्शन से माँ, दुख दारिद्र जाता॥
जय सुन्धा ….

चौसठ योगिनी थारे, नृत्य करे भैरू।
ढोल नगाड़ा बाजे, और बाजे डमरू॥
जय सुन्धा ….

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर सुंधा माता की आरती (Sundha Mata Ki Aarti) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें माता की आरती रोमन में–

jaya sundhā mātā, maiyā jaya sundhā mātā।
cāmuṇḍā aja keśvarī, sukha saṃpatti dātā।
jaya sundhā mātā॥

sundhā paravata baṇiyo, mandira hada bhārī।
tīna loka meṃ kīrata, pūje nara nārī॥
jaya sundhā ….

cāṃcika deva tihāro, maṃdira baṇavāyo।
sundhā paravata jaga meṃ, tīratha kahalāyo॥
jaya sundhā ….

kesari – vāhana rāje, cārabhujā dhārī।
lāla cunariyā camake, śobhā hai nyārī॥
jaya sundhā ….

caṇḍa muṇḍa saṃhārī, cāmuṇḍā mātā।
tere darśana se mā~, dukha dāridra jātā॥
jaya sundhā …
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causaṭha yoginī thāre, nṛtya kare bhairū।
ḍhola nagāḍa़ā bāje, aura bāje ḍamarū॥
jaya sundhā ….

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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