सूरह अल आला हिंदी में – सूरह 87
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है।
अपने रब के नाम की पाकी बयान कर जो सबसे ऊपर है। जिसने बनाया फिर ठीक किया। और जिसने ठहराया, फिर राह बताई। और जिसने चारा निकाला। फिर उसे स्याह कूड़ा बना दिया। हम तुम्हें पढ़ाएंगे फिर तुम नहीं भूलोगे। मगर जो अल्लाह चाहे, वह जानता है खुले को भी और उसे भी जो छुपा हुआ है। और हम तुम्हें ले चलेंगे आसान राह। पस नसीहत करो अगर नसीहत फ़ायदा पहुंचाए। वह शख्स नसीहत क़ुबूल करेगा जो डरता है। और उससे गुरेज (विमुखता) करेगा वह जो बदबख़्त होगा। वह पड़ेगा बड़ी आग में | फिर न उसमें मरेगा और न जिएगा। कामयाब हुआ जिसने अपने को पाक किया। और अपने रब का नाम लिया। फिर नमाज़ पढ़ी। बल्कि तुम दुनियावी जिंदगी को मुक़दूदम रखते हो। और आख़िरत बेहतर है और पाएदार है। यही अगले सहीफ़ों (ग्रंथों) में भी है, मूसा और इब्राहीम के सहीफ़ों में। (1-19)