सूरह अल इनफ़ितार हिंदी में – सूरह 82
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है।
जब आसमान फट जाएगा। और जब सितारे बिखर जाएंगे। और जब समुद्र बह पड़ेंगे। और जब क़ब्रें खोल दी जाएंगी। हर शख्स जान लेगा कि उसने क्या आगे भेजा और क्या पीछे छोड़ा | ऐ इंसान तुझे किस चीज़ ने अपने रब्बे करीम की तरफ़ से धोखे में डाल रखा है। जिसने तुझे पैदा किया। फिर तेरे आज़ा (शरीरांग) को दुरुस्त किया, फिर तुझे मुतनासिब (संतुलित) बनाया। जिस सूरत में चाहा तुम्हें तर्तीब दे दिया। हरगिज़ नहीं, बल्कि तुम इंसाफ़ के दिन को झुठलाते हो। हालांकि तुम पर निगहबान मुक़र्रर हैं। मुअज़्जज़ लिखने वाले। वे जानते हैं जो कुछ तुम करते हो। बेशक नेक लोग ऐश में होंगे। और बेशक गुनाहगार दोजख़ में। इंसाफ़ के दिन वे उसमें डाले जाएंगे। वे उससे जुदा होने वाले नहीं। और तुम्हें क्या ख़बर कि इंसाफ़ का दिन क्या है। फिर तुम्हें क्या ख़बर इंसाफ़ का दिन क्या है। उस दिन कोई जान किसी दूसरी जान के लिए कुछ न कर सकेगी। और मामला उस दिन अल्लाह ही के इख़्तियार में होगा। (1-19)