सूरह अत तारिक़ हिंदी में – सूरह 86
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है।
क़सम है आसमान की और रात को नुमूदार (प्रकट) होने वाले की। और तुम क्या जानो कि वह रात को नुमूदार होने वाला क्या है, चमकता हुआ तारा। कोई जान ऐसी नहीं है जिसके ऊपर निगहबान न हो। तो इंसान को देखना चाहिए कि वह किस चीज़ से पैदा किया गया है। वह एक उछलते पानी से पैदा किया गया है। जो निकलता है पीठ और सीने के दर्मियान से। बेशक वह उसे दुबारा पैदा करने पर क़ादिर है। जिस दिन छुपी बातें परखी जाएंगी। उस वक़्त इंसान के पास कोई ज़ोर न होगा और न कोई मददगार। क़सम है आसमान चक्कर मारने वाले की। और फूट निकलने वाली ज़मीन की | बेशक यह दोटूक बात है और वह हंसी की बात नहीं। वे तदबीर (युक्ति) करने में लगे हुए हैं। और मैं भी तदबीर करने में लगा हुआ हूं। पस मुंकिरों को ढील दे, उन्हें ढील दे थोड़े दिनों। (1-17)