धर्म

सूरह अत तीन हिंदी में – सूरह 95

शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है।

क़सम है तीन की और जैतून की। और तूरे सीना की। और इस अम्न वाले शहर की। हमने इंसान को बेहतरीन साख़्त (संरचना) पर पैदा किया। फिर उसे सबसे नीचे फेंक दिया। लेकिन जो लोग ईमान लाए और अच्छे काम किए तो उनके लिए कभी ख़त्म न होने वाला अज्र (प्रतिफल) है। तो अब क्या है जिससे तुम बदला मिलने को झुठलाते हो। क्या अल्लाह सब हाकिमों से बड़ा हाकिम नहीं। (1-8)

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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