दर्शन दो घनश्याम – Darshan Do Ghanshyam – Krishna Bhajan
पढ़ें “दर्शन दो घनश्याम” लिरिक्स दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी,अँखियाँ प्यासी रे।मन मंदिर की जोत जगा दो,घट घट वासी रे॥
Read Moreपढ़ें “दर्शन दो घनश्याम” लिरिक्स दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी,अँखियाँ प्यासी रे।मन मंदिर की जोत जगा दो,घट घट वासी रे॥
Read Moreकरदो करदो माला माल हे श्री शनि रवि के लाल ॥ कलयुग में है शनि बल है अप्रम पार,कुन सेहन
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