रुरु और सर्प-यज्ञ की कथा – महाभारत का बारहवाँ अध्याय (पौलोमपर्व)
“रुरु और सर्प-यज्ञ की कथा” महाभारत के अन्तर्गत आदिपर्व के पौलोमपर्व में आती है। यह पौलोम पर्व का अन्तिम अध्याय
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Read More“डुण्डुभ की आत्मकथा व अहिंसा का उपदेश” नामक यह कथा महाभारत में आदि पर्व के अन्तर्गत पौलोम पर्व में आती
Read More“डुण्डुभ की प्राण-रक्षा” अध्याय महाभारत के आदि पर्व में पौलोम पर्व के अन्तर्गत आता है। पिछली कथा में प्रमद्वरा के
Read Moreप्रमद्वरा का जीवित होना असंभव-सा प्रतीत होता था। पिछले अध्याय में प्रमद्वरा की साँप के काटने से मृत्यु हो चुकी
Read More“प्रमद्वरा को सर्पदंश” नामक यह कथा महाभारत का अष्टम अध्याय है। यह कथा आदिपर्व के अन्तर्गत पौलोम पर्व में आती
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