धर्म

बेरिया के बेरी तोहे – Beriya Ke Beri Lyrics

बेरिया के बेरी तोहे बिलई छठी मईया,
रजिया के सधिया पुरावा नु हो,
हाथ जोड़ी पाँव लागी तोहरो आदित मल,
अरघ के हमरे फलावा नु हो,
रजिया के सधिया पुरावा नु हो ॥

गोड़वा खड़ाऊ तोहरे मथवा चन्दनवा,
सातो घोड़ा चढ़ी आवा हमरे अंगनवा,
सासु ननदिया जेठनिया के ताना से,
बाँझिन के नउवा छोड़ावा नु हो,
रजिया के सधिया पुरावा नु हो ॥

कलसूप पुरईन अमरुद छतवा,
रउवा के चढ़ाई मईया मांगी पांच पुतवा,
चन्दन लकड़िया के घिउवा में बोरी बोरी,
अरघ के बेदिया बनाई नु हो,
रजिया के सधिया पुरावा नु हो ॥

सासु जी के नाती दिहा ननदि विरनवा,
कोखिया के भरी मोर पुरईहा सपनवा,
सेनूरा करे के आगे लिखिया हे मांगी मईया,
वर देत मत सकुचावा नु हो,
सिरधिया के सधिया पुरावा नु हो,
सिरधिया के सधिया पुरावा नु हो,
सिरधिया के सधिया पुरावा नु हो ॥

विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि बेरिया के बेरी तोहे गीत को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी इस गाने को पढ़ सकें व आनंद ले सकें। पढ़ें Chhath Geet रोमन में-

Read Beriya Ke Beri Lyrics

beriyā ke berī tohe bilaī chaṭhī maīyā,
rajiyā ke sadhiyā purāvā nu ho,
hātha joड़ī pā~va lāgī toharo ādita mala,
aragha ke hamare phalāvā nu ho,
rajiyā ke sadhiyā purāvā nu ho ॥

goड़vā khaड़āū tohare mathavā candanavā,
sāto ghoड़ā caढ़ī āvā hamare aṃganavā,
sāsu nanadiyā jeṭhaniyā ke tānā se,
bā~jhina ke nauvā choड़āvā nu ho,
rajiyā ke sadhiyā purāvā nu ho ॥

kalasūpa puraīna amaruda chatavā,
rauvā ke caढ़āī maīyā māṃgī pāṃca putavā,
candana lakaड़iyā ke ghiuvā meṃ borī borī,
aragha ke bediyā banāī nu ho,
rajiyā ke sadhiyā purāvā nu ho ॥

sāsu jī ke nātī dihā nanadi viranavā,
kokhiyā ke bharī mora puraīhā sapanavā,
senūrā kare ke āge likhiyā he māṃgī maīyā,
vara deta mata sakucāvā nu ho,
siradhiyā ke sadhiyā purāvā nu ho,
siradhiyā ke sadhiyā purāvā nu ho,
siradhiyā ke sadhiyā purāvā nu ho ॥

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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