स्वामी विवेकानंद कृत “कर्मयोग” हिंदी में: Swami Vivekananda’s Karma Yoga in Hindi
Read & Download PDF Of Swami Vivekananda’s Book “Karma Yoga” In Hindi
“कर्म योग” स्वामी विवेकानंद की विख्यात पुस्तक है। इस किताब का हर अध्याय स्वामी जी के व्याख्यानों का लिपिबद्ध रूप है। यह पुस्तक उनके द्वारा अमेरिका में दिसम्बर 1895 से जनवरी 1896 के बीच दिए गए व्याखानों का संकलन है।
“कर्मयोग” अभी तक इंटरनेट पर हिंदी में उपलब्ध नहीं थी। स्वामी जी की वाणी को हिन्दी भाषा में लोगों तक पहुँचाते हुए हमें अत्यन्त हर्ष का अनुभव हो रहा है। स्वामी विवेकानन्द अपनी ओजस्वी और सारगर्भित शैली में कर्म और उससे पूर्णता-प्राप्ति का मार्ग इस पुस्तक में बताते हैं।
इस पुस्तक में उनके जो व्याख्यान संकलित किए गए हैं, उनका मुख्य उद्देश्य मनुष्य जीवन को गढ़ना ही है। आवश्यकता इतनी ही है कि कर्म योग में स्वामी विवेकानंद ने जिन भावों और विचारों को प्रस्तुत किया है, उन्हें कार्यरूप में परिणत किया जाए। पढ़िए संपूर्ण कर्मयोग हिंदी में –
Read Karma Yoga by Swami Vivekananda in Hindi here. You can also download Karma Yoga Hindi PDF for each individual article of Swami Ji’s this book.
स्वामी विवेकानंद कृत कर्म योग की विषय-सूची
Hindi Table Of Content Of Swami Vivekananda’s Karma Yoga
- कर्म का चरित्र पर प्रभाव
(Karma Ka Charitra Par Prabhaw) - अपने-अपने कार्यक्षेत्र में सब बड़े हैं
(Apne Apne Karyakshetra Me Sab Bade Hain) - कर्मरहस्य
(Karma Rahasya) - कर्तव्य क्या है
(Kartavya Kya Hai) - परोपकार में हमारा ही उपकार है
(Paropkaar Me Hamara Hi Upkaar Hai) - अनासक्ति ही पूर्ण आत्मत्याग है
(Anasakti Hi Purna Atma-tyag Hai) - मुक्ति
(Mukti) - कर्मयोग का आदर्श
(Karma Yoga Ka Adarsh)
उपर्युक्त कड़ियों की सहायता से न केवल आप स्वामी जी की पुस्तक “कर्मयोग” (Karma Yoga) के सभी लेख पढ़ सकते हैं, बल्कि उन्हें हिंदी में डाउनलोड भी कर सकते हैं।
स्वामी विवेकानंद की किताब “कर्म योग” हिंदी में डाउनलोड करें
Download Swami Vivekananda’s Karma Yoga book PDF in Hindi
Click on above given links to read each chapter. You may also download Karma Yoga Book PDF in Hindi. This book is collections of lectures given by Swami Vivekananda. Read the transcriptions of these lectures on Karma Yoga in Hindi online here.
कर्म योग पर इन व्याखानों को स्वामी जी ने न्यू यॉर्क, अमेरिका में 228, डब्ल्यू 39वीं स्ट्रीट पर एक किराए पर लिए गए कमरे में दिया था। ये कक्षाएँ निःशुल्क थीं ताकि वेदांत और गीता के सिद्धान्तों से अमरीकी जनता को परिचित कराया जा सके। स्वामी विवेकानंद प्रायः सुबह और शाम दो कक्षाएँ लिया करते थे।
यद्यपि स्वामी जी ने दो वर्ष और पाँच महीने के अपने अमेरिकी प्रवास में अनेक व्याख्यान दिए और सैंकड़ों कक्षाएँ लीं, लेकिन ये व्याख्यान इसलिए भिन्न हैं क्योंकि इनको लिपिबद्ध करने की प्रक्रिया शेष से अलग थी। 1895-96 में न्यू यॉर्क की सर्दियों से पूर्व विवेकानंद के मित्रों और प्रशंसकों ने पहले एक पेशेवर आशुलिपिक के लिए विज्ञापन देने में उनका सहयोग किया, फिर उर उसके बाद उसे नौकरी पर रखने में भी पूरी मदद की। इस आशुलिपिक (स्टेनोग्राफ़र) का नाम था जे.जे. गुडविन।
जे.जे. गुडविन बाद में स्वामी जी के शिष्य बन गए और कालान्तर में उनके साथ इंग्लैंड व भारत भी गए। गुडविन द्वारा लिखे गए विवेकानन्द के व्याख्यान 5 किताबों में संकलित हैं। स्वामी जी के बोलने की तीव्र गति को शीघ्रता से लिपिबद्ध करने के लिए गुडविन को–जोकि एक अदालती आशुलिपिक थे–काफ़ी अच्छी तनख़्वाह पर रखा गया था। प्रस्तुत पुस्तक कर्म योग गुडविन द्वारा लिपिबद्ध स्वामी विवेकानंद की पहली किताब है।
अति सुन्दर
धनराज जी, बहुत-बहुत धन्यवाद! हमारा प्रयत्न है कि हम “हिंदी पथ” पर स्वामी विवेकानंद का संपूर्ण साहित्य हिन्दी भाषा में उपलब्ध करा सकें। कृपया नित नए लेख पढ़ने के लिए यहाँ आते रहें।
Meri samjh se swamiji ke karm yog Ka jitni prasansa ki jaye utni hi kam h
Hmko iska vistar prasar prachar krna chaiye or ho sake ho free down loading krne ki bhi subidha uplabdh krani chaiye
.. Ek khas bat karm yog ki ye h ki ise kisi bhi dharm ke log pd or jivan m utar sakte h
DHANYABAB JI
प्रेम मोहन जी, आपकी बात से मैंने पूरी तरह सहमत हूँ। स्वामी विवेकानंद की पुस्तक “कर्मयोग” सिर्फ़ एक किताब नहीं, बल्कि अपने आप में सम्पूर्ण जीवन दर्शन है। हमने परिश्रम से पूरी किताब को हिंदी में ऑनलाइन कर दिया है, ताकि ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों तक इसका लाभ पहुँच सके और हर हिन्दीभाषी कर्मयोग का स्वाध्याय कर सके।
Sir, main Swami ji saari book buy krna chataa hoon.app mujhe yeh brand ki Kurla karre yeh khha se Lee jaye or original hoon
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