स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – श्री प्रमदादास मित्र को लिखित (14 फरवरी, 1890)

(स्वामी विवेकानंद का श्री प्रमदादास मित्र को लिखा गया पत्र)

गाजीपुर,
१४ फरवरी, १८९०

पूज्यपाद,

भाई शरत् की चिट्ठी को वापस भेजने के लिए शायद मैं कल आपको अपने पत्र में लिखना भूल गया। कृपया उसे भेजें। मुझे भाई गंगाधर का पत्र मिला। वह आजकल रामबाग समाधि, श्रीनगर, काश्मीर में है। मैं कटिवात से बहुत पीड़ित रहा हूँ।

आपका,
नरेन्द्रनाथ

पुनश्च – राखाल और सुबोध, ओंकार, गिरनार, आबू, बम्बई और द्वारकादर्शन करके वृन्दावन पहुँचे हैं।


नरेन्द्र

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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