स्वामी विवेकानंद के पत्र – श्री लाला गोविन्द सहाय को लिखित
(स्वामी विवेकानंद का श्री लाला गोविन्द सहाय को लिखा गया पत्र)
आबू पर्वत, १८९१
प्रिय गोविन्द सहाय,
मन की गति चाहे जैसी भी क्यों न हो, तुम नियमित रूप से जप करते रहना। हरबक्स से कहना कि पहले वाम नासिका तदनंतर दक्षिण एवं पुनः वाम नासिका, इस क्रम से प्राणायाम करता रहे। विशेष परिश्रम के साथ संस्कृत सीखो।
आशीर्वादक,
विवेकानन्द