स्वामी विवेकानंद के पत्र – श्री हरिपद मित्र को लिखित (1893)
(स्वामी विवेकानंद का श्री हरिपद मित्र को लिखा गया पत्र)
मरगाँव
१८९३
प्रिय हरिपद,
अभी अभी तुम्हारा एक पत्र मिला। मैं यहाँ सकुशल पहुँच गया। मैं पंजिम तथा उसके आसपास के कुछ गाँव एवं वहाँ के मन्दिरों को देखने गया था। आज ही लौटा हूँ। गोकर्ण, महाबलेश्वर तथा अन्य स्थानों के दर्शन की इच्छा का मैंने परित्याग नहीं किया है। कल सुबह की गाड़ी से मैं धारवाड़ जा रहा हूँ। मैं छड़ी साथ ले आया हूँ। डॉ. यागदेकर के मित्र ने मेरा बड़ा आतिथ्य किया। श्री भटी एवं अन्य लोगों को, जो वहाँ हैं, कृपया मेरा अभिवादन कहना। भगवान् तुम तथा तुम्हारी धर्म-पत्नी पर आशीर्वाद की वर्षा करे। पंजिम शहर बहुत ही साफ-सुथरा है। अधिकतर यहाँ के ईसाई साक्षर हैं। हिन्दू अधिकतर अशिक्षित हैं।
तुम्हारा सस्नेह,
सच्चिदानन्द