स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – श्री ई. टी. स्टर्डी को लिखित (3 जुलाई, 1898)

(स्वामी विवेकानंद का श्री ई. टी. स्टर्डी को लिखा गया पत्र)

काश्मीर
३ जुलाई, १८९८

प्रिय स्टर्डी,

दोनों ही संस्करणों के लिए मैंने स्वीकृति दे दी है। हमने यही निश्चय किया था कि किसी के भी द्वारा मेरी पुस्तकों के प्रकाशन पर हमें आपत्ति न होगी। श्रीमती बुल इस संबंध में सब जानती हैं और वे तुम्हें पत्र लिख रही हैं।

हाल ही में कुमारी साउटर का एक सुन्दर पत्र मुझे मिला, वह सदा की भाँति ही सौहार्दपूर्ण है। तुम्हारे, श्रीमती स्टर्डी एवं बच्चों के लिए प्यार के साथ,

सतत भगवत्पदाश्रित,
विवेकानन्द

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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