स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – श्री लाला गोविन्द सहाय को लिखित (अप्रैल, 1891)

(स्वामी विवेकानंद का श्री लाला गोविन्द सहाय को लिखा गया पत्र)

आबू पर्वत, १८९१

प्रिय गोविन्द सहाय,

मन की गति चाहे जैसी भी क्यों न हो, तुम नियमित रूप से जप करते रहना। हरबक्स से कहना कि पहले वाम नासिका तदनंतर दक्षिण एवं पुनः वाम नासिका, इस क्रम से प्राणायाम करता रहे। विशेष परिश्रम के साथ संस्कृत सीखो।

आशीर्वादक,
विवेकानन्द

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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