स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – कुमारी मेरी हेल को लिखित (30 अप्रैल, 1900)

(स्वामी विवेकानंद का कुमारी मेरी हेल को लिखा गया पत्र)

३० अप्रैल, १९००

प्रिय मेरी,

आकस्मिक अस्वस्थता तथा ज्वर के कारण अभी भी शिकागो न आ सकने के लिए मैं बाध्य हूँ। सफर के लायक शक्ति प्राप्त करते ही मैं चल पड़ूँगा। हाल में मुझे मार्गट का पत्र मिला था। कृपया उससे मेरा प्यार कहना और तुम्हें भी मेरा चिर स्नेह। हैरियट कहाँ है? शिकागो में ही? और मैक्किंडली बहनें? सबको मेरा प्यार।

विवेकानन्द

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी पथ
error: यह सामग्री सुरक्षित है !!