स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – श्रीमती ओलि बुल को लिखित (6 जनवरी, 1901)

(स्वामी विवेकानंद का श्रीमती ओलि बुल को लिखा गया पत्र)

मायावती, हिमालय,
६ जनवरी, १९०१

प्रिय धीरा माता,

डॉक्टर बोस ने आपके मार्फत जो ‘नासदीय सूक्त’ भेजा था, मैं अभी उसका अनुवाद भेज रहा हूँ। जहाँ तक सम्भव हो सका है, मैंने अक्षरशः अनुवाद करने की चेष्टा की है। आशा है कि डाक्टर बोस अब तक पूर्ण स्वस्थ हो चुके होंगे।

श्रीमती सेवियर बहुत ही दृढ़ संकल्पशालिनी महिला हैं तथा उन्होंने अत्यन्त शान्ति तथा सबल चित्त से इस शोक को सहन किया है। आगामी अप्रेल में वे इंग्लैण्ड जा रही हैं एवं मैं भी उनके साथ रवाना हो रहा हूँ।…

यह स्थान अत्यन्त सुन्दर है एवं इन लोगों ने इसे और भी मनोरम बनाया है।…

भवदीय चिरस्नेहबद्ध सन्तान,
विवेकानन्द

पुनश्च – काली माँ दो बलि ग्रहण कर चुकी हैं; उद्देश्य-साधन में दो यूरोपीय शहीदों ने आत्मोत्सर्ग किया है – अब कार्य सुन्दर रूप से अग्रसर होता रहेगा।

वि.

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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