स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – स्वामीं स्वरूपानन्द को लिखित (15 मई, 1901)

(स्वामी विवेकानंद का स्वामीं स्वरूपानन्द को लिखा गया पत्र)

मठ,
१५ मई, १९०१

प्रिय स्वरूप,

नैनीताल से लिखा हुआ तुम्हारा पत्र विशेष उत्तेजनापूर्ण है। पूर्वी बंगाल तथा आसाम का दौरा कर हाल ही में लौटा हूँ। पहले की तरह अब की बार भी मैं अत्यन्त परिश्रान्त हो चुका हूँ तथा मेरा स्वास्थ्य भग्न हो चुका है।

बडौदा महाराज से मिलने पर यदि वास्तव में कोई कार्य सम्पन्न होने की सम्भावना हो, तो मैं वहाँ जाने के लिए प्रस्तुत हूँ; अन्यथा यातायात के परिश्रम तथा व्यर्थ के ख़र्चे में मैं पड़ना नहीं चाहता। अतः महाराज के साथ मिलने से हमारे कार्य में किसी प्रकार की सहायता मिल सकती है या नहीं – इस बारे में अच्छी तरह से सोच-विचारकर तथा आवश्यक समाचारादि लेकर तुम अपनी राय मुझे सूचित करना। अभी अभी श्रीमती सेवियर का एक अच्छा सा पत्र मुझे मिला। अमरनाथ तथा नैनीताल के सब मित्रों से मेरा स्नेह कहना। तुम मेरा स्नेह तथा आशीर्वाद जानना। इति।

तुम्हारा,
विवेकानन्द

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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