सूरह अल आदियात हिंदी में – सूरह 100
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है।
क़सम है उन घोड़ों की जो हांपते हुए दौड़ते हैं। फिर टाप मारकर चिंगारी निकालने वाले। फिर सुबह के वक़्त छापा मारने वाले। फिर उसमें गुबार उड़ाने वाले। फिर उस वक़्त फ़ौज में घुस जाने वाले। बेशक इंसान अपने रब का नाशुक्र है। और वह खुद इस पर गवाह है। और वह माल की मुहब्बत में बहुत शदीद है। क्या वह उस वक़्त को नहीं जानता जब वह क़ब्रों से निकाला जाएगा। और निकाला जाएगा जो कुछ दिलों में है। बेशक उस दिन उनका रब उनसे ख़ूब बाख़बर होगा। (1-11)