कविता

ऐ मेरे दिल कहीं और चल – Ae Mere Dil Kahin Aur Chal Lyrics in Hindi

“ऐ मेरे दिल कहीं और चल” 1952 की प्रसिद्ध फ़िल्म दाग़ का गाना है। इसे सुरों से सजाया है तलत मेहमूद ने व संगीतबद्ध किया है शंकर जयकिशन ने। शैलेन्द्र की क़लम ने जन्म दिया है इन ख़ूबसूरत शब्दों को। फ़िल्म में दिलीप कुमार, निम्मी, उषा किरण और ललिता पवार ने महत्वपूर्ण भूमिकाएँ अदा की हैं। पढ़ें ऐ मेरे दिल कहीं और चल के बोल हिंदी में (Ae Mere Dil Kahin Aur Chal lyrics in Hindi)–

“ऐ मेरे दिल कहीं और चल” लिरिक्स

ऐ मेरे दिल कहीं और चल
ग़म की दुनिया से दिल भर गया
ढूँढ ले अब कोई घर नया
ऐ मेरे दिल कहीं और चल

चल जहाँ गम के मारे न हों
झूठी आशा के तारे न हों
झूठी आशा के तारे न हों
इन बहारों से क्या फ़ायदा
जिस में दिल की कली जल गई
ज़ख़्म फिर से हरा हो गया
ऐ मेरे दिल कहीं और चल

चार आँसू कोई रो दिया
फेर के मुँह कोई चल दिया
फेर के मुँह कोई चल दिया
लुट रहा था किसी का जहाँ
देखती रह गई ये ज़मीं
चुप रहा बेरहम आसमां
ऐ मेरे दिल कहीं और चल

दाग़ से जुड़े तथ्य

फिल्मदाग़
वर्ष1952
गायक / गायिकातलत मेहमूद
संगीतकारशंकर जयकिशन
गीतकारशैलेन्द्र
अभिनेता / अभिनेत्रीदिलीप कुमार, निम्मी, उषा किरण, ललिता पवार

विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि हम ऐ मेरे दिल कहीं और चल गीत को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी इस गाने को पढ़ सकें व आनंद ले सकें। पढ़ें Ae Mere Dil Kahin Aur Chal रोमन में-

Ae Mere Dil Kahin Aur Chal Lyrics in Hindi

ai mere dila kahīṃ aura cala
ग़ma kī duniyā se dila bhara gayā
ḍhū~ḍha le aba koī ghara nayā
ai mere dila kahīṃ aura cala

cala jahā~ gama ke māre na hoṃ
jhūṭhī āśā ke tāre na hoṃ
jhūṭhī āśā ke tāre na hoṃ
ina bahāroṃ se kyā फ़āyadā
jisa meṃ dila kī kalī jala gaī
ज़ख़ma phira se harā ho gayā
ai mere dila kahīṃ aura cala

cāra ā~sū koī ro diyā
phera ke mu~ha koī cala diyā
phera ke mu~ha koī cala diyā
luṭa rahā thā kisī kā jahā~
dekhatī raha gaī ye ज़mīṃ
cupa rahā berahama āsamāṃ
ai mere dila kahīṃ aura cala

Facts about the Film

FilmDaag
Year1952
SingerTalat Mehmood
MusicShankar Jaikishan
LyricsShailendra
ActorsDilip Kumar, Nimmi, Usha Kiran, Lalita Pawar

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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