गर्भ रक्षा स्तोत्र – Garbha Rakshambika Stotram
गर्भ रक्षा स्तोत्र का पाठ गर्भ में शिशु की सभी बाधाओं से रक्षा करता है। मान्यता है कि इसके नियमित पाठ से स्वस्थ्य शिशु पैदा होता है। गर्भ अवस्था के दौरान इस स्तोत्र का प्रतिदिन 108 बार करना चाहिए।
एहैही भगवान ब्रह्म,
प्रजा कर्ता, प्रजा पाथे,
प्राग्रुहशीनिवा बलिम चा इमाम,
आपथयम रक्षा गर्भनीम ॥ 1 ॥
अश्विनी देवेसौ,
प्रग्रनीथम बलिम द्विमं,
सपथ्यं गर्भनीम चा इमाम,
चा रक्षथम पूजा यनया ॥ 2 ॥
रुद्राश्च एकादश प्रोक्था,
प्रग्रुहन्थु बालिम द्विमम्,
युष्माकम प्रीथाये वृथम,
नित्यं रक्षथु गर्भनीम ॥ 3 ॥
आदित्य द्वादसा प्रोक्था,
प्रग्रहनीथवं बालिम द्विमम्,
युष्मगम थेजसम वृध्या,
नित्यं रक्षा गर्भनीम ॥ 4 ॥
विनायक गणध्याक्ष,
शिव पुत्र महा बाला,
प्रग्रह्नीश्व बलिम चा इमाम,
सपथ्य रक्षा गर्भनीम ॥ 5 ॥
स्कंद षणमुखा देवेसा,
पुथरा प्रीति विवर्धन,
प्रग्रहनीश्व बालिम चा इमाम,
सपथ्यं रक्षा गर्भनीम ॥ 6 ॥
यह भी पढ़ें – गर्भ गीता
प्रभास, प्रभावस्यामा,
प्रत्यूशो मारुथ नाला,
ड्रुवो धुरा धुरश्चैव,
वासवोष्टौ प्राकीरथिथा,
प्रग्रह्नी थवं बलिम चा इमाम,
नित्यं रक्षा गर्भनीम ॥ 7 ॥
पिथुर देवी, पिथुश्रेष्ठ,
बहू पुथरी, महा बाले,
भूत श्रेष्ठ निसा फूलदान,
निर्व्रुठे, सौनाका प्रिये,
प्रग्रह्नीश्व बलिम चा इमाम,
सपथ्य रक्षा गर्भनीम ॥ 8 ॥
रक्षा रक्षा महादेव,
बक्था अनुग्रह कारक,
पाक्षी वाहन गोविंदा,
सपथ्य रक्षा गर्भनीम ॥ 9 ॥
॥ इति श्री गर्भ रक्षा स्तोत्र ॥
विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर यह स्तोत्र को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें गर्भ रक्षा स्तोत्र रोमन में–
Read Garbha Raksha Stotra
ehaihī bhagavāna brahma,
prajā kartā, prajā pāthe,
prāgruhaśīnivā balima cā imāma,
āpathayama rakṣā garbhanīma ॥ 1 ॥
aśvinī devesau,
pragranīthama balima dvimaṃ,
sapathyaṃ garbhanīma cā imāma,
cā rakṣathama pūjā yanayā ॥ 2 ॥
rudrāśca ekādaśa prokthā,
pragruhanthu bālima dvimam,
yuṣmākama prīthāye vṛthama,
nityaṃ rakṣathu garbhanīma ॥ 3 ॥
āditya dvādasā prokthā,
pragrahanīthavaṃ bālima dvimam,
yuṣmagama thejasama vṛdhyā,
nityaṃ rakṣā garbhanīma ॥ 4 ॥
vināyaka gaṇadhyākṣa,
śiva putra mahā bālā,
pragrahnīśva balima cā imāma,
sapathya rakṣā garbhanīma ॥ 5 ॥
skaṃda ṣaṇamukhā devesā,
putharā prīti vivardhana,
pragrahanīśva bālima cā imāma,
sapathyaṃ rakṣā garbhanīma ॥ 6 ॥
prabhāsa, prabhāvasyāmā,
pratyūśo mārutha nālā,
ḍruvo dhurā dhuraścaiva,
vāsavoṣṭau prākīrathithā,
pragrahnī thavaṃ balima cā imāma,
nityaṃ rakṣā garbhanīma ॥ 7 ॥
pithura devī, pithuśreṣṭha,
bahū putharī, mahā bāle,
bhūta śreṣṭha nisā phūladāna,
nirvruṭhe, saunākā priye,
pragrahnīśva balima cā imāma,
sapathya rakṣā garbhanīma ॥ 8 ॥
rakṣā rakṣā mahādeva,
bakthā anugraha kāraka,
pākṣī vāhana goviṃdā,
sapathya rakṣā garbhanīma ॥ 9 ॥
॥ iti śrī garbha rakṣā stotra ॥