कविता

हम किस गली जा रहे हैं – Hum Kis Gali Ja Rahe Hain

“हम किस गली जा रहे हैं” के बोल अर्थात् लिरिक्स पढ़ें हिंदी में। आतिफ असलम की आवाज़ में सजे इस गीत के संगीतकार हैं सचिन गुप्ता व लिखा है आतिफ असलम, सचिन गुप्ता ने।

हम किस गली जा रहे हैं हम किस गली जा रहे हैं
अपना कोई ठिकाना नहीं अपना कोई ठिकाना नहीं
अरमानो की अंजुमन में बेसुध हैं अपनी लगन में
अपना कोई फ़साना नहीं अपना कोई फ़साना नहीं

एक अजनबी सा चेहरा रहता हैं मेरी नजर में
एक दर्द आ के ठहरे दिन रात दर्दे जिगर में
एक अजनबी सा चेहरा रहता हैं मेरी नजर में
एक दर्द आ के ठहरे दिन रात दर्दे जिगर में

जगी हैं कैसी तलब सी यह आरजू हैं अजब सी
लेकिन किसी को बताना नहीं लेकिन किसीको बताना नहीं
हम किस गली जा रहे हैं हम किस गली जा रहे हैं
अपना कोई ठिकाना नहीं अपना कोई ठिकाना नहीं

बेताबियाँ हैं पल पल छाया यह कैसा नशा है
खामोशियो में सदा होश भी गुमशुदा है
बेताबियाँ हैं पल पल छाया यह कैसा नशा है
खामोशियो में सदा होश भी गुमशुदा है

दर दर का घूमता है मस्ती में क्यूँ झूमता है
दीवाने दिल ने जाना नहीं दिवाने दिल ने जाना नहीं
हम किस गली जा रहे हैं हम किस गली जा रहे हैं
अपना कोई ठिकाना नहीं अपना कोई ठिकाना नहीं
अपना कोई ठिकाना नहीं अपना कोई ठिकाना नहीं

विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि हम इस गीत को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी इस गाने को पढ़ सकें व आनंद ले सकें। पढ़ें हम किस गली जा रहे हैं रोमन में-

Read Hum Kis Gali Ja Rahe Hain Lyrics in Hindi

hama kisa galī jā rahe haiṃ hama kisa galī jā rahe haiṃ
apanā koī ṭhikānā nahīṃ apanā koī ṭhikānā nahīṃ
aramāno kī aṃjumana meṃ besudha haiṃ apanī lagana meṃ
apanā koī फ़sānā nahīṃ apanā koī फ़sānā nahīṃ

eka ajanabī sā ceharā rahatā haiṃ merī najara meṃ
eka darda ā ke ṭhahare dina rāta darde jigara meṃ
eka ajanabī sā ceharā rahatā haiṃ merī najara meṃ
eka darda ā ke ṭhahare dina rāta darde jigara meṃ

jagī haiṃ kaisī talaba sī yaha ārajū haiṃ ajaba sī
lekina kisī ko batānā nahīṃ lekina kisīko batānā nahīṃ
hama kisa galī jā rahe haiṃ hama kisa galī jā rahe haiṃ
apanā koī ṭhikānā nahīṃ apanā koī ṭhikānā nahīṃ

betābiyā~ haiṃ pala pala chāyā yaha kaisā naśā hai
khāmośiyo meṃ sadā hośa bhī gumaśudā hai
betābiyā~ haiṃ pala pala chāyā yaha kaisā naśā hai
khāmośiyo meṃ sadā hośa bhī gumaśudā hai

dara dara kā ghūmatā hai mastī meṃ kyū~ jhūmatā hai
dīvāne dila ne jānā nahīṃ divāne dila ne jānā nahīṃ
hama kisa galī jā rahe haiṃ hama kisa galī jā rahe haiṃ
apanā koī ṭhikānā nahīṃ apanā koī ṭhikānā nahīṃ
apanā koī ṭhikānā nahīṃ apanā koī ṭhikānā nahīṃ

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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