कविता

इंतेहा हो गई – Inteha Ho Gayi Intezaar Lyrics in Hindi

“इंतेहा हो गई” 1984 की प्रसिद्ध फ़िल्म शराबी का गाना है। इसे सुरों से सजाया है किशोर कुमार और आशा भोंसले ने व संगीतबद्ध किया है बप्‍पी लहिरी ने। अनजान की क़लम ने जन्म दिया है इन ख़ूबसूरत शब्दों को। फ़िल्म में अमिताभ बच्चन,जयाप्रदा , ओम प्रकाश और प्राण ने महत्वपूर्ण भूमिकाएँ अदा की हैं। पढ़ें इंतेहा हो गई के बोल हिंदी में (Inteha Ho Gayi Intezaar lyrics in Hindi)–

“इंतेहा हो गई” लिरिक्स

इंतेहा हो गई, इंतज़ार की
आई न कुछ खबर, मेरे यार की
ये हमें है यक़ीं, बेवफ़ा वो नहीं
फिर वजह क्या हुई, इंतज़ार की, इंतेहा हो…

बात जो है उसमें बात वो यहाँ कहीं नहीं किसी में
वो है मेरी, बस है मेरी, शोर है यही गली गली में
साथ साथ वो है मेरे ग़म में मेरे दिल की हर खुशी में
ज़िंदगी में वो नहीं तो कुछ नहीं है मेरी ज़िंदगी में
बुझ न जाये ये शमा, ऐतबार की

इंतेहा हो…

ओ, मेरे सजना, लो मैं आ गई
अरे, लोगों ने दिये होंगे बड़े बड़े नज़राने
लाई हूँ मैं तेरे लिये दिल मेरा
दिल यही माँगे दुआ हम कभी हों न जुदा

दिल मेरा तेरा है ये दिल मेरा
ये मेरी ज़िंदगी है तेरी – २

तू मेरा सपन, मैं तुझे पा गई
ओ, मेरे सजना, लो मैं आ गई

ला ला…

किशोर: ग़मों के अंधेरे ढले, बुझते सितारे जले
देखा तुझे तो दिलों में जान आई
होठों पे तराने जगे, अरमान दीवाने जगे
बाहों में आके तू ऐसे शरमाई
छा गई फिर वोही बेखूदी

ला ला…
ला ला…

वो घड़ी खो गई इंतज़ार की
आ गई रुत हसीं, रस्म-ए-यार की
ये नशा ये खुशी, अब न कम हों कभी
उम्र भर न ढले, रात प्यार की

शराबी से जुड़े तथ्य

फिल्मशराबी
वर्ष1984
गायक / गायिकाकिशोर कुमार, आशा भोंसले
संगीतकारबप्‍पी लहिरी
गीतकारअनजान
अभिनेता / अभिनेत्रीअमिताभ बच्चन,जयाप्रदा, ओम प्रकाश, प्राण

विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि हम इंतेहा हो गई गीत को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी इस गाने को पढ़ सकें व आनंद ले सकें। पढ़ें Inteha Ho Gayi Intezaar रोमन में-

Inteha Ho Gayi Intezaar Lyrics in Hindi

iṃtehā ho gaī, iṃtaज़āra kī
āī na kucha khabara, mere yāra kī
ye hameṃ hai yaक़īṃ, bevaफ़ā vo nahīṃ
phira vajaha kyā huī, iṃtaज़āra kī, iṃtehā ho…

bāta jo hai usameṃ bāta vo yahā~ kahīṃ nahīṃ kisī meṃ
vo hai merī, basa hai merī, śora hai yahī galī galī meṃ
sātha sātha vo hai mere ग़ma meṃ mere dila kī hara khuśī meṃ
ज़iṃdagī meṃ vo nahīṃ to kucha nahīṃ hai merī ज़iṃdagī meṃ
bujha na jāye ye śamā, aitabāra kī

iṃtehā ho…

o, mere sajanā, lo maiṃ ā gaī
are, logoṃ ne diye hoṃge baड़e baड़e naज़rāne
lāī hū~ maiṃ tere liye dila merā
dila yahī mā~ge duā hama kabhī hoṃ na judā

dila merā terā hai ye dila merā
ye merī ज़iṃdagī hai terī – 2

tū merā sapana, maiṃ tujhe pā gaī
o, mere sajanā, lo maiṃ ā gaī

lā lā…

kiśora: ग़moṃ ke aṃdhere ḍhale, bujhate sitāre jale
dekhā tujhe to diloṃ meṃ jāna āī
hoṭhoṃ pe tarāne jage, aramāna dīvāne jage
bāhoṃ meṃ āke tū aise śaramāī
chā gaī phira vohī bekhūdī

lā lā…
lā lā…

vo ghaड़ī kho gaī iṃtaज़āra kī
ā gaī ruta hasīṃ, rasma-e-yāra kī
ye naśā ye khuśī, aba na kama hoṃ kabhī
umra bhara na ḍhale, rāta pyāra kī

Facts about the Song

FilmSharaabi
Year1984
SingerKishore Kumar, Asha Bhosle
MusicBappi Lahiri
LyricsAnjaan
ActorsAmitabh Bachchan, Jaya Prada, Om Prakash, Pran

यह भी पढ़ें

कल हो न होहम है इस पल यहाँमेरा दिल ये पुकारे आजावो किसना हैचाहूंगा मैं तुझे सांझ सवेरे लिरिक्सजाने वालो जराराही मनवा दुख की चिंताकोई जब राह न पाएमेरा तो जो भी कदम हैगजाननाहर हर गंगेविघ्नहर्ताबड़ा नटखट है रे कृष्ण कन्हैयागोविंदा आला रे आलायशोदा का नंदलालायशोमती मैया से बोले नंदलालासाथी हाथ बढ़ानानन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या हैऐसा देस है मेरागुड़िया हमसे रूठी रहोगीमां शेरावालिये तेरा शेर आ गयाशिव भोला भंडारीअथ श्री महाभारत कथा गीतसाईनाथ तेरे हज़ारों हाथसाईं बाबा बोलोमुकुंदा मुकुंदा कृष्णा मुकुंदा मुकुंदापल पल दिल के पासतू ही तूगो गो गोविंदामेरे निशानओ पालनहारेहरि बोलरांझा शेरशाहकभी तुम्हें कुछ तो हुआ हैकल हो न होआ जा जाने-जांआजा आई बहारआ गुपचुप गुपचुप प्यार करेंआ गले लग जा मेरे सपने मेरे अपनेआ चल के तुझे मैं लेके चलूंआ भी जाआ अब लौट चलेंआ आ भी जाआदमी जो कहता हैआधी रात को

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी पथ
error: यह सामग्री सुरक्षित है !!