करवा चौथ की आरती – Karva Chauth Ki Aarti
करवा चौथ की आरती का गायन चौथ माता की प्रसन्नता के लिए करवाचौथ वाले दिन किया जाता है। इसे गाने से पति और पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है और पति की आयु दीर्घ होती है। करवा चौथ एक हिंदू त्योहार है जो कार्तिक महीने के आखिरी दिन मनाया जाता है। व्रत की रस्म को अखण्ड पथ भी कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है पथ पूर्ण करना। इस दिन लोग भगवान शिव और देवी पार्वती को प्रसन्न करने के लिए 24 घंटे तक उपवास करते हैं। यह हर साल अक्टूबर के आस-पास होता है। करवा चौथ की आरती उन विवाहित महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण है जो चाहती हैं कि उनका पति लंबा और स्वस्थ जीवन जिए। पढ़ें करवा चौथ की आरती–
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ओम जय करवा मइया, माता जय करवा मइया ।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया ॥
ओम जय करवा मइया।
सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी।
यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी ॥
ओम जय करवा मइया।
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कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती।
दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती ॥
ओम जय करवा मइया।
होए सुहागिन नारी, सुख सम्पत्ति पावे।
गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे॥
ओम जय करवा मइया।
करवा मइया की आरती, व्रत कर जो गावे।
व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे॥
ओम जय करवा मइया
ओम जय करवा मइया, माता जय करवा मइया ।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया ॥
ओम जय करवा मइया।
यह उपवास अनुष्ठान भारत के विभिन्न हिस्सों जैसे राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में आयोजित किया जाता है। वहाँ करवा माता की आरती गाई जाती है। इस दिन स्त्रियाँ सूर्योदय से सूर्यास्त तक उपवास रखती हैं और करवा माता या चौथ माता की पूजा करती हैं। शाम की प्रार्थना में देवी को आरती और प्रसाद वितरण शामिल हैं।
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विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर करवा चौथ की आरती (Karva Chauth Ki Aarti) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें करवा चौथ की आरती रोमन में–
oma jaya karavā maiyā, mātā jaya karavā maiyā ।
jo vrata kare tumhārā, pāra karo naiyā ॥
oma jaya karavā maiyā।
saba jaga kī ho mātā, tuma ho rudrāṇī।
yaśa tumhārā gāvata, jaga ke saba prāṇī ॥
oma jaya karavā maiyā।
kārtika kṛṣṇa caturthī, jo nārī vrata karatī।
dīrghāyu pati hove , dukha sāre haratī ॥
oma jaya karavā maiyā।
hoe suhāgina nārī, sukha sampatti pāve।
gaṇapati jī baḍa़e dayālu, vighna sabhī nāśe॥
oma jaya karavā maiyā।
karavā maiyā kī āratī, vrata kara jo gāve।
vrata ho jātā pūrana, saba vidhi sukha pāve॥
oma jaya karavā maiyā
oma jaya karavā maiyā, mātā jaya karavā maiyā ।
jo vrata kare tumhārā, pāra karo naiyā ॥
oma jaya karavā maiyā।