धर्म

सूरह फातिहा की तिलावत – अल फातिहा (सूरह 1)

सूरह फातिहा की तिलावत से पहले कुछ बुनियादी बातें जानना ज़रूरी है। यह कुरान का पहला अध्याय है। अरबी भाषा से इसका शाब्दिक अर्थ लें, तो वह होगा “शुरुआत”। सूरह फातिहा अथवा अल फातिहा नमाज़ में सम्मिलित है। कुरान के बाक़ी अध्याय पढ़ने के लिए कृपया यहाँ जाएँ – कुरान शरीफ की तिलावत

शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहमवाला है।

सब तारीफ़ अल्लाह के लिए है जो सारे जहान का मालिक है। बहुत मेहरबान निहायत रहम वाला है। इंसाफ़ के दिन का मालिक है। हम तेरी ही इबादत करते हैं और तुझी से मदद चाहते हैं। हमें सीधा रास्ता दिखा। उन लोगों का रास्ता जिन पर तूने फ़ज़्ल किया। उनका रास्ता नहीं जिन पर तेरा ग़ज़ब हुआ और न उन लोगों का रास्ता जो रास्ते से भटक गए। (1-7)

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी पथ
error: यह सामग्री सुरक्षित है !!