सूरह नस्र की तिलावत – अल-नस्र (सूरह 110)
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है।
जब अल्लाह की मदद आ जाए और फ़तह। और तुम देखो कि लोग खुदा के दीन में दाख़िल हो रहे हैं फ़ौज दर फ़ौज। तो अपने रब की तस्बीह (गुणगान) करो उसकी हम्द (प्रशंसा) के साथ और उससे बख््शिश (क्षमा) मांगो, बेशक वह माफ़ करने वाला है। (1-3)