स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – खेतड़ी के महाराज को लिखित (14 जून, 1899)

(स्वामी विवेकानंद का खेतड़ी के महाराज को लिखा गया पत्र)

मठ, आलमबाजार
१४ जून, १८९९

प्रिय मित्र,

मैं यहाँ जिस अवस्था में हूँ – चाहता हूँ कि श्रीमान् भी उसी अवस्था में रहें। अभी आपको मित्रता और प्यार की अत्यन्त आवश्यकता है।

मैंने कई सप्ताह पहले आपको एक पत्र लिखा था, किन्तु आपका कोई संवाद नहीं मिला। आशा है, आपका स्वास्थ्य बहुत अच्छा चल रहा होगा। मैं इसी महीने की २० तारीख को फिर इंग्लैण्ड की यात्रा कर रहा हूँ।

समुद्रयात्रा से संभवतः कुछ लाभ हो, इसकी भी आशा मुझे है।

आप सभी संकटों से संरक्षित रहें और समस्त शुभ की छाया आप पर सदा बनी रहे।

आपका,
विवेकानन्द

पुनश्च – जगमोहन को मेरा प्यार और अलविदा!

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी पथ
error: यह सामग्री सुरक्षित है !!