स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – खेतड़ी के महाराज को लिखित (9 जून, 1898)

(स्वामी विवेकानंद का खेतड़ी के महाराज को लिखा गया पत्र)

अल्मोड़ा,
९ जून, १८९८

महाराज,

यह जानकर कि आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं – बहुत दुःख हुआ। आप बहुत शीघ्र ही ठीक हो जाएँगे।

मैं अगले शनिवार काश्मीर के लिए प्रस्थान कर रहा हूँ। मेरे पास आपके रेसिडेण्ट के नाम परिचय-पत्र है। लेकिन अच्छा हो कि आप कृपया उन्हें एक पत्र लिखकर सूचित कर दें कि आपने मुझे परिचय-पत्र दिया है।

कृपया जगमोहन से कहें कि वह किशनगढ़ के दीवान साहब को उनके वचन की याद दिला दे। उन्होंने वादा किया था कि वे ‘व्याससूत्र’ का निम्बार्क भाष्य तथा अन्य भाष्य अपने पंडितों के द्वारा भेजेंगे।

प्रेम और मंगल कामनाओं के साथ,

आपका,
विवेकानन्द

पुनश्च – बेचारे गुडविन का देहान्त हो गया। जगमोहन उसे अच्छी तरह जानता है। यदि मिल सकें तो मुझे दो व्याघ्रचर्म चाहिए – मठ के यूरोपियन बन्धुओं के लिए। पश्चिमवासियों के निमित्त यह सबसे उपयुक्त उपहार है।

वि.

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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