स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – कुमारी जोसेफिन मैक्लिऑड को लिखित (17 फरवरी, 1901)

(स्वामी विवेकानंद का कुमारी जोसेफिन मैक्लिऑड को लिखा गया पत्र)

बेलूड़ मठ,
हावड़ा, बंगाल,
१७ फरवरी, १९०१

प्रिय ‘जो’

अभी अभी तुम्हारा लम्बा सा पत्र मिला।मुझे प्रसन्नता है कि तुम कुमारी कार्नेलिया सोराबजी से मिलीं और तुम्हें वे पसन्द आयीं। मैं पूना में उनके पिता से परिचित था, उनकी एक छोटी बहन को भी जानता हूँ जो अमेरिका में थी। उनकी माता जी को शायद उस संन्यासी के रूप में मेरी याद हो, जब मैं पूना में लिम्बडी के ठाकुर साहब के साथ रहा करता था।

मुझे आशा है कि तुम बड़ौदा जाओगी और वहाँ की महारानी से मिलोगी।

मैं अपेक्षतः काफी स्वस्थ हूँ और आशा है कुछ समय तक ऐसा ही रहूँगा। मुझे अभी ही श्रीमती सेवियर का एक प्यारा सा पत्र मिला है, जिसमें उन्होंने तुम्हारे बारे में ढेरों अच्छी अच्छी बातें लिखी हैं।

मुझे प्रसन्नता है कि तुम श्री टाटा से मिलीं और तुम्हें वे दृढ़ और भले आदमी प्रतीत हुए।

यदि मैंने अपने को काफी सशक्त अनुभव किया, तो अवश्य ही बम्बई आने का निमंत्रण स्वीकार कर लूँगा।

कोलम्बो जानेवाले अपने स्टीमर का नाम तार से लिख भेजो। प्यार के साथ,

तुम्हारा,
विवेकानन्द

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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