स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – कुमारी जोसेफिन मैक्लिऑड को लिखित (30 सितम्बर, 1897)

(स्वामी विवेकानंद का कुमारी जोसेफिन मैक्लिऑड को लिखा गया पत्र)

श्रीनगर, काश्मीर,
३० सितम्बर, १८९७

प्रिय मैक्लिऑड,

यदि सचमुच आना चाहती हो तो शीघ्र ही चली आओ। नवम्बर से फरवरी के मध्य तक भारत में ठंडक रहती है; उसके पश्चात् वह गर्म हो जाता है। तुम जो कुछ देखना चाहती हो वह इस अवधि के भीतर देख सकती हो, परन्तु सब कुछ देखने में तो वर्षों का समय लग जायगा।

मैं जल्दी में हूँ। इसलिए जल्दी में लिखे इस कार्ड के लिए क्षमा करना। कृपया श्रीमती बुल को मेरा स्नेह कहना एवं गुडविन के शीघ्र स्वास्थ्य-लाभ के लिए मेरी शुभ कामनाएँ तथा हार्दिक प्रार्थनाएँ। माँ, अल्बर्टा, बच्चे, होलिस्टर और अन्त में, लेकिन किसी से कम नही, फ़्रैंकी को मेरा स्नेह देना।

भागवत्पदाश्रित,
विवेकानन्द

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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