स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – कुमारी जोसेफिन मैक्लिऑड को लिखित (31 अक्टूबर, 1895)

(स्वामी विवेकानंद का कुमारी जोसेफिन मैक्लिऑड को लिखा गया पत्र)

८०, ओक्ले स्ट्रीट,
चेल्सी,
३१ अक्टूबर, १८९५

प्रिय ‘जो जो’,

शुक्रवार को भोजन पर आकर मुझे बहुत प्रसन्नता होगी। अल्बेमार्ले में श्री क्वायेट से भी भेंट हो जायगी।

दो अमेरिकन महिलाएँ, माँ और बेटी – श्रीमती एवं कुमारी नेटर – जो लन्दन में रहती हैं, गत रात्रि मेरा व्याख्यान सुनने आयी थीं। सचमुच वे बहुत सहृदय थीं। श्री चेमियर के आवास पर व्याख्यान समाप्त हो गया। अगले शनिवार की रात्रि से अपने निवास-स्थान पर ही व्याखान आरम्भ करूँगा। व्याख्यान के लिए अच्छे-बड़े आकार के एक या दो कमरे मिल जाने की आशा है। ‘मंक्योर कॉनवेज एथिकल सोसाइटी’ की ओर से भी मुझे निमन्त्रण मिला है, जहँा १० तारीख़ को भाषण करूँगा। अगले मंगलवार को ‘बलबोआ सोसाइटी’ में भी भाषण करूँगा। प्रभु सहायता करेंगे। निश्चित नहीं कह सकता हूँ कि शनिवार को तुम्हारे साथ जा सकूँगा या नहीं। तुम वहाँ अपने देश में किसी भी तरह ख़ूब मजे लूट सकती हो और श्रीमान् और श्रीमती स्टर्डी तो बहुत श्रेष्ठ लोग हैं।

प्यार और शुभकामनाओं के साथ,

विवेकानन्द

पुनश्च – मेरे लिए थोड़ी सब्जी मँगवा लेना। चावल की आवश्यकता मैं महसूस नहीं करता – रोटी पर्याप्त होगी। मैं अब एकदम शाकाहारी हो गया हूँ।

वि.

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी पथ
error: यह सामग्री सुरक्षित है !!